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श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द

 



श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द

नीचे कुछ श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द दिए जा रहे है-

(1) असन – भोजन संतुलित असन स्वास्थ्यकर होता है। 

   आसन बैठने की वस्तु मेरे गुरु महाराज आसन पर बैठ गये। 

   आसत्र – निकट -'मैंने देखा है'- आसत्रभूत का उदाहरण है।

(2) अवधि समय सीमा -  अल्पावधि (कम समय मेंमें ही मेरा छोटा भाई अंग्रेजी सीख गया। 

   अवधि भाषा विशेष - 'रामचरितमानसकी भाषा अवधी है।

(3) अवमर्ष स्पर्शसंपर्क भाग्यशालियों को संतों का अवमर्श प्राप्त होता है। 

   अवमर्ष – विचार विमर्शआलोचनाकोई निर्णय लेने से पहले बुद्धिमानों से अवमर्ष आवश्यक है।

(4) अंस – कंधा मेरे अंसों पर पूरे परिवार का भार है। 

   अंश हिस्सा सबको अपना-अपना अंश मिलना चाहिए।

(5) अलि – भौंरा फूलों पर बहुत-से अलि मँडरा रहे है। 

   अली – सखी राधा की एक अली का नाम शांता था।

(6) अपेक्षा – आकांक्षाइच्छा मैं आपसे अच्छे व्यवहार की अपेक्षा करता हूँ। 

   उपेक्षा – निरादर किसी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

(7) अनिष्ट – बुराई अच्छे लोग दूसरों का अनिष्ट नहीं करते। 

   अनिष्ठ – निष्ठारहित अनिष्ठ समाज में सम्मानित नहीं होते।

(8) अयस – लोहा अयस से अस्त्र-शस्त्र निर्मित होते है। 

   अयश – अपयश अयश से बचना चाहिए।

(9) द्रव रसपिघला हुआ जल द्रव है। 

   द्रव धनपदार्थ द्रव्य दिन-प्रतिदिन महँगे होते जा रहे है।

(10) द्विप – हाथी द्विप विशालकाय होते है। 

    द्वीप – टापू श्रीलंका एक द्वीप है।

(11) नीर – पानी भाषा बहता हुआ नीर होती है। 

   नीड़ – घोंसला रात में पंछी अपने-अपने नीड़ों में विश्राम करते हैं।

(12) प्रकार – रीति इस बाग में विभिन्न प्रकार के फूल खिले हैं। 

    प्राकार किले का अंग प्राकार ध्वस्त हो रहा है

(13) वसन – वस्त्र उसके वसन पुराने किन्तु स्वच्छ थे। 

    व्यसन – आदत जुए का व्यसन बहुत खराब होता है।

(14) परुष – कठोर प्रस्तर (पत्थरपरुष होता है। 

    पुरुष – व्यक्ति आज के पुरुषों में पुरुषत्व नहीं रह गया है।

(15) कर्म – कार्य कर्म का फल अवश्य मिलता है। 

    क्रम – सिलसिला क्रम में छात्र आते गये और अपना-अपना पुरस्कार लेते गये।

(16) मास – महीना साल में बारह मास होते है। 

    मांस – गोश्त उस भिखारी के शरीर पर मांस नहीं था।

(17) मद्य – शराब मद्यपान से स्वास्थ्य खराब होता है। 

    मध्य – बीच नौका नदी के मध्य डूब गई।

(18) कुल – वंश जयंत के कुल में जगदीश ऐसा कोई पुत्र नहीं हुआ। 

    कूल – किनारा नौका कूल पर लग गई।

(19) बात – वचन उसकी बात में सच्चाई है। 

    वात – हवा वात धीरे-धीरे बह रहा है।

(20) श्रवण – कान श्रवणों में नुकीली चीज कभी नहीं डालनी चाहिए। 

    स्त्रवन – बहना उसकी आँखों से आँसू स्त्रवित होने लगे।

(21) सूची अनुक्रमणिकाविवरणिका सामानों की सूची लिख लीजिये। 

    शुचि – पवित्र पूजा-पाठ में शुचिता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। 

    सूची – सूई सूची और सूत्र (धागाका अन्योन्याश्रित संबंध होता है।

(22) शौर्य – शूरता राणा प्रताप शौर्य के प्रतीक थे। 

    सौर्य/सौर सूर्य से संबद्ध सौर्य तेज से ही हम जीवित है।/सौर-मंडल में अनेक ग्रह है।

(23) स्रोत – सोता भयंकर गर्मी के कारण पानी के सभी स्रोत सूख गये है। 

    श्रोत – वेद श्रोत चार हैऋग्वेदयजुर्वेदसामवेद और अथर्ववेद।

(24) स्वक्ष सुंदर आँख उसके स्वक्षों में जादू है। 

    स्वच्छ – साफ स्वच्छ पानी पीना चाहिए।

(25) शर्व – शिव शर्व को महादेव भी कहते हैं। 

    सर्व – सब सर्व प्राणियों में आत्मा का निवास होता है।

(26) सुत – बेटा राम दशरथ के बड़े सुत थे। 

    सूत सारथि/धागा कृष्ण अर्जुन के सुत (सारथिरथ हाँकनेवालेथे।महीन सूत से बना कपड़ा टिकाऊ होता है।

(27) शुक – सुग्गा शुक डाल पर बैठा अमरुद खा रहा है। 

    शूक -  जौ की बाल/पौधे के कड़े रोयें शूक में महीन और लंबे-लंबे रोयें होते हैं।

(28) लक्ष्य – उद्देश्य मेरे जीवन का लक्ष्य सुयोग्य डॉक्टर बनना है। 

    लक्ष – लाख राजा ने मंत्री को दो लक्ष मुद्रायें दीं।

(29) मूल – जड़ सुनील सारी झंझटों का मूल है। 

    मूल्य – दाम मूल्यवृद्धि से उपभोक्ता परेशान है।

(30) विजन मनुष्य रहित स्थान वह भटकता हुआ विजन में पहुँच गया था। 

    व्यजन – पंखा गर्मी में व्यजन से राहत मिलती है। 

    व्यंजन सब्जीतरकारी कल दीदी ने स्वादिष्ट व्यंजन बनायी थी।

(31) यथेष्ट जैसा चाहा हो गया मुझे मेरे परिश्रम का यथेष्ट पुरस्कार नही मिला। 

    स्थेष्ट अत्यंत दृढ उमेश बाबू स्थेष्ट संकल्प के व्यक्ति है।

(32) परिणाम – फल जैसा सोचा था वैसा परिणाम नहीं मिला। 

    परिणाम – मात्रा अल्प परिणाम में दवा लेनी है।

(33) कृति – रचना - 'रामचरितमानसएक महान कृति है। 

    कृती – निपुण अनूप जलोटा कृती गायक है। 

    कीर्ति – यश उनकी कीर्ति चारों ओर फैल गयी।

(34) सामान – पदार्थ विवाह में लगनेवाले सामानों की सूची तैयार करनी है। 

    समान बराबरसदृश्य गाँधी के समान सत्य और अहिंसा के प्रेमी बहुत ही कम होंगे। 

    सम्मान – आदर बड़ों को सम्मान देना चाहिए।

 




हिन्दी व्याकरण 

•   भाषा   •   लिपि   •   व्याकरण   •   वर्ण,वर्णमाला   •   शब्द   •   वाक्य   •   संज्ञा   •   सर्वनाम   •   क्रिया   •   काल   •   विशेषण   •   अव्यय   •   लिंग   •   उपसर्ग   •   प्रत्यय   •   तत्सम तद्भव शब्द   •    संधि 1   •  संधि 2   •   कारक   •   मुहावरे 1   •   मुहावरे 2   •   लोकोक्ति   •   समास 1   •   समास 2   •   वचन   •   अलंकार   •   विलोम   •   अनेकार्थी शब्द   •  अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 1   •   अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 2   •   पत्रलेखन   •   विराम चिह्न   •   युग्म शब्द   •   अनुच्छेद लेखन   •   कहानी लेखन   •   संवाद लेखन   •   तार लेखन   •   प्रतिवेदन लेखन   •   पल्लवन   •   संक्षेपण   •   छन्द   •   रस   •   शब्दार्थ   •   धातु   •   पदबंध   •   उपवाक्य   •   शब्दों की अशुद्धियाँ   •   समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द   •   वाच्य   •   सारांश   •   भावार्थ   •   व्याख्या   •   टिप्पण   •   कार्यालयीय आलेखन   •   पर्यायवाची शब्द   •   श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द   •   वाक्य शुद्धि   •   पाठ बोधन   •   शब्द शक्ति   •   हिन्दी संख्याएँ   •   पारिभाषिक शब्दावली   •



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