E-mail

onlinetaiyarigroup@gmail.com

 

ONLINE TAIYARI GROUP आपका स्वागत करता है |

काल (Tense)

 

काल (Tense)

क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का ज्ञान होता है उसे 'कालकहते है। 

दूसरे शब्दों मेंक्रिया के उस रूपान्तर को काल कहते हैजिससे उसके कार्य-व्यापर का समय और उसकी पूर्ण अथवा अपूर्ण अवस्था का बोध हो।  जैसे -

(1) बच्चे खेल रहे हैं। मैडम पढ़ा रही हैं।                      (2)बच्चे खेल रहे थे। मैडम पढ़ा रही थी।               (3)बच्चे खेलेंगे। मैडम पढ़ायेंगी।

पहले वाक्य में क्रिया वर्तमान समय में हो रही है। दूसरे वाक्य में क्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी थी तथा तीसरे वाक्य की क्रिया आने वाले समय में होगी। इन वाक्यों की क्रियाओं से कार्य के होने का समय प्रकट हो रहा है।

काल के भेद - काल के तीन भेद होते है -

(1) वर्तमान काल (present Tense) - जो समय चल रहा है।       (2) भूतकाल (Past Tense) - जो समय बीत चुका है।       (3) भविष्यत काल (Future Tense)- जो समय आने वाला है। 

(1) वर्तमान काल :-   क्रिया के जिस रूप से वर्तमान में चल रहे समय का बोध होता हैउसे वर्तमान काल कहते है। 

जैसे- 1-  वह खाता है।   2- सीता बातें कर रही है।             3 - प्रियंका स्कूल जाती हैं।

वर्तमान कल की पहचान के लिए वाक्य के अन्त में 'तातीतेहैहैंआदि आते है।

वर्तमान काल के भेद - वर्तमान काल के पाँच भेद होते है-

1- सामान्य वर्तमान      2- तत्कालिक वर्तमान    3- पूर्ण वर्तमान       4-  संदिग्ध वर्तमान         5-   सम्भाव्य वर्तमान

(i)सामान्य वर्तमान :- क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया का वर्तमानकाल में होना पाया जाय, 'सामान्य वर्तमानकहलाता है।  जैसे -  वह आता हैवह देखता है।

(ii)तत्कालिक वर्तमान :-  इससे यह पता चलता है कि क्रिया वर्तमानकाल में हो रही है।  जैसे -  मै पढ़ रहा हूँवह जा रहा है।

(iii)पूर्ण वर्तमान :- इससे वर्तमानकाल में कार्य की पूर्ण सिद्धि का बोध होता है।  जैसे -   वह आया हैसीता ने पुस्तक पढ़ी है।

(iv)संदिग्ध वर्तमान :- जिससे क्रिया के होने में सन्देह प्रकट होपर उसकी वर्तमानकाल में सन्देह  हो।  जैसे -   राम खाता होगावह पढ़ता होगा।

(v)सम्भाव्य वर्तमान :- इससे वर्तमानकाल में काम के पूरा होने की सम्भवना रहती है।  जैसे -  वह आया होवह लौटा हो।

(2)भूतकाल :-  क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध होता हैउसे भूतकाल कहते है।

सरल शब्दों मेंजिससे क्रिया से कार्य की समाप्ति का बोध होउसे भूतकाल की क्रिया कहते हैं। 

जैसेवह खा चुका थाराम ने अपना पाठ याद कियामैंने पुस्तक पढ़ ली थी।

भूतकाल को पहचानने के लिए वाक्य के अन्त में 'थाथेथीआदि आते हैं।

भूतकाल के भेद - भूतकाल के छह भेद होते है-

1- सामान्य भूत    2- आसन भूत   3- पूर्ण भूत     4-  अपूर्ण भूत    5- संदिग्ध भूत    6-  हेतुहेतुमद् भूत

(i)सामान्य भूत :- जिससे भूतकाल की क्रिया के विशेष समय का ज्ञान  हो।  जैसे -  मोहन आयासीता गयी।

(ii)आसन भूत :-  इससे क्रिया की समाप्ति निकट भूत में या तत्काल ही सूचित होती है।  जैसे -  मैने आम खाया हैमैं चला हूँ।

(iii)पूर्ण भूत :- क्रिया के उस रूप को पूर्ण भूत कहते हैजिससे क्रिया की समाप्ति के समय का स्पष्ट बोध होता है कि क्रिया को समाप्त हुए काफी समय बीता है। जैसे -  वह आया था।

(iv)अपूर्ण भूत :-  इससे यह ज्ञात होता है कि क्रिया भूतकाल में हो रही थीकिन्तु उसकी समाप्ति का पता नही चलता। जैसे -  सुरेश गीत गा रहा थारीता सो रही थी।

(v)संदिग्ध भूत :- इसमें यह सन्देह बना रहता है कि भूतकाल में कार्य पूरा हुआ या नही। जैसे -  तुमने गाया होगातू गाया होगा।

(vi)हेतुहेतुमद् भूत :- इससे यह पता चलता है कि क्रिया भूतकाल में होनेवाली थीपर किसी कारण  हो सका। जैसे -  मै आतातू जातावह खाता।

(3)भविष्यत काल :- भविष्य में होनेवाली क्रिया को भविष्यतकाल की क्रिया कहते है।

दूसरे शब्दो मेंक्रिया के जिस रूप से काम का आने वाले समय में करना या होना प्रकट होउसे भविष्यतकाल कहते है।

जैसे --->    1-  वह कल घर जाएगा।        2-  हम सर्कस देखने जायेंगे।     3- किसान खेत में बीज बोयेगा।

भविष्यत काल की पहचान के लिए वाक्य के अन्त में 'गागीगेआदि आते है।

भविष्यत काल के भेद - भविष्यतकाल के तीन भेद होते है-

1-  सामन्य भविष्य                   2-  सम्भाव्य भविष्य        3- हेतुहेतुमद्भविष्य

(i)सामन्य भविष्य :- इससे यह प्रकट होता है कि क्रिया सामान्यतः भविष्य में होगी।

जैसेमै पढ़ूँगावह घर जायेगा।

(ii)सम्भाव्य भविष्य :- जिससे भविष्य में किसी कार्य के होने की सम्भावना हो।

जैसेयह सम्भव हैरमेश कल आया।

(iii)हेतुहेतुमद्भविष्य :- इसमे एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया के होने पर निर्भर करता है। 

जैसेवह आये तो मै जाऊवह कमाये तो मैं खाऊँ।








हिन्दी व्याकरण 

•   भाषा   •   लिपि   •   व्याकरण   •   वर्ण,वर्णमाला   •   शब्द   •   वाक्य   •   संज्ञा   •   सर्वनाम   •   क्रिया   •   काल   •   विशेषण   •   अव्यय   •   लिंग   •   उपसर्ग   •   प्रत्यय   •   तत्सम तद्भव शब्द   •    संधि 1   •  संधि 2   •   कारक   •   मुहावरे 1   •   मुहावरे 2   •   लोकोक्ति   •   समास 1   •   समास 2   •   वचन   •   अलंकार   •   विलोम   •   अनेकार्थी शब्द   •  अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 1   •   अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 2   •   पत्रलेखन   •   विराम चिह्न   •   युग्म शब्द   •   अनुच्छेद लेखन   •   कहानी लेखन   •   संवाद लेखन   •   तार लेखन   •   प्रतिवेदन लेखन   •   पल्लवन   •   संक्षेपण   •   छन्द   •   रस   •   शब्दार्थ   •   धातु   •   पदबंध   •   उपवाक्य   •   शब्दों की अशुद्धियाँ   •   समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द   •   वाच्य   •   सारांश   •   भावार्थ   •   व्याख्या   •   टिप्पण   •   कार्यालयीय आलेखन   •   पर्यायवाची शब्द   •   श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द   •   वाक्य शुद्धि   •   पाठ बोधन   •   शब्द शक्ति   •   हिन्दी संख्याएँ   •   पारिभाषिक शब्दावली   •



0 comments:

Post a Comment