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पदबंध (Phrase)

 

पदबंध (Phrase)


पद वाक्य से अलग रहने पर 'शब्दऔर वाक्य में प्रयुक्त हो जाने पर शब्द 'पदकहलाते हैं। 

दूसरे शब्दों मेंशब्द विभक्तिरहित और पद विभक्तिसहित होते हैं।

पदबंध जब दो या अधिक (शब्दपद नियत क्रम और निश्र्चित अर्थ में किसी पद का कार्य करते हैं तो उन्हें पदबंध कहते हैं।

दूसरे शब्दों मेंकई पदों के योग से बने वाक्यांशो कोजो एक ही पद का काम करता है, 'पदबंधकहते है। 

डॉ० हरदेव बाहरी ने 'पदबन्धकी परिभाषा इस प्रकार दी हैवाक्य के उस भाग कोजिसमें एक से अधिक पद परस्पर सम्बद्ध होकर अर्थ तो देते हैंकिन्तु पूरा अर्थ नहीं देतेपदबन्ध या वाक्यांश कहते हैं। 

जैसे-

(1) सबसे तेज दौड़ने वाला छात्र जीत गया। 

(2) यह लड़की अत्यंत सुशील और परिश्रमी है। 

(3) नदी बहती चली जा रही है। 

(4) नदी कल-कल करती हुई बह रही थी।

उपर्युक्त वाक्यों में काला छपे शब्द पदबंध है। पहले वाक्य के 'सबसे तेज दौड़ने वाला छात्रमें पाँच पद हैकिन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात संज्ञा का कार्य कर रहे हैं। दूसरे वाक्य के 'अत्यंत सुशील और परिश्रमीमें भी चार पद हैंकिन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात विशेषण का कार्य कर रहे हैं। तीसरे वाक्य के 'बहती चली जा रही हैमें पाँच पद हैं किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात क्रिया का काम कर रहे हैं। चौथे वाक्य के 'कल-कल करती हुईमें तीन पद हैंकिन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात क्रिया विशेषण का काम कर रहे हैं।

इस प्रकार रचना की दृष्टि से पदबन्ध में तीन बातें आवश्यक हैंएक तो यह कि इसमें एक से अधिक पद होते हैं। दूसरे ये पद इस तरह से सम्बद्ध होते हैं कि उनसे एक इकाई बन जाती है। तीसरेपदबन्ध किसी वाक्य का अंश होता है।

अँगरेजी में इसे phrase कहते हैं। इसका मुख्य कार्य वाक्य को स्पष्टसार्थक और प्रभावकारी बनाना है। शब्द-लाघव के लिए भी इसका उपयोग किया जाता हैखास तौर से समासमुहावरों और कहावतों में। ये पदबंध पूरे वाक्य नहीं होतेबल्कि वाक्य के टुकड़े हैंकिन्तु निश्र्चित अर्थ और क्रम के परिचायक हैं। हिंदी व्याकरण में इनपर अभी स्वतन्त्र अध्ययन नहीं हुआ है।

पदबंध के भेद

पदबंध के तीन भेद किये गये हैं-

(1) संज्ञा-पदबंध (2) विशेषण-पदबंध (3) क्रिया पदबंध (4) क्रिया विशेषण पदबंध

(1) संज्ञा-पदबंध - जब किसी वाक्य में पदसमूह या पदबंध संज्ञा का भाव नियत क्रम और निश्र्चित अर्थ में प्रकट करें तब वे संज्ञा-पदबंध कहलाते हैं।

दूसरे शब्दों में पदबंध का अंतिम अथवा शीर्ष शब्द यदि संज्ञा हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हो तो वह 'संज्ञा पदबंधकहलाता है।

जैसे-

(a) चार ताकतवर मजदूर इस भारी चीज को उठा पाए। 

(b) राम ने लंका के राजा रावण को मार गिराया। 

(c) अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे। 

(d) आसमान में उड़ता गुब्बारा फट गया। 

(2) विशेषण-पदबंध - जब किसी वाक्य में पदबंध किसी संज्ञा की विशेषता नियत क्रम और निश्र्चित अर्थ में बतायें तब वे विशेषण-पदबंध कहलाते हैं। 

दूसरे शब्दों में पदबंध का शीर्ष अथवा अंतिम शब्द यदि विशेषण हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हों तो वह 'विशेषण पदबंधकहलाता है।

जैसे-

(a) तेज चलने वाली गाड़ियाँ प्रायः देर से पहुँचती हैं। 

(b) उस घर के कोने में बैठा हुआ आदमी जासूस है। 

(c) उसका घोड़ा अत्यंत सुंदरफुरतीला और आज्ञाकारी है। 

(d) बरगद और पीपल की घनी छाँव से हमें बहुत सुख मिला। 

(3) क्रिया पदबंध - क्रिया पदबंध में मुख्य क्रिया पहले आती है। उसके बाद अन्य क्रियाएँ मिलकर एक समग्र इकाई बनाती है। यही 'क्रिया पदबंधहै।

जैसे-

(a) वह बाजार की ओर आया होगा। 

(b) मुझे मोहन छत से दिखाई दे रहा है। 

(c) सुरेश नदी में डूब गया। 

(d) अब दरवाजा खोला जा सकता है।

(4) क्रिया विशेषण पदबंध - यह पदबंध मूलतः क्रिया का विशेषण रूप होने के कारण प्रायः क्रिया से पहले आता है। इसमें क्रियाविशेषण प्रायः शीर्ष स्थान पर होता हैअन्य पद उस पर आश्रित होते है।

जैसे-

(a) मैंने रमा की आधी रात तक प्रतीक्षा की। 

(b) उसने साँप को पीट-पीटकर मारा। 

(c) छात्र मोहन की शिकायत दबी जबान से कर रहे थे। 

(d) कुछ लोग सोते-सोते चलते है।

उपर्युक्त वाक्यों में काला छपे शब्द 'क्रिया विशेषण पदबंधहै।

पदबन्ध और उपवाक्य में अन्तर

पदबन्ध और उपवाक्य में अन्तर है-

उपवाक्य (Clause) भी पदबन्ध (Phrase) की तरह पदों का समूह हैलेकिन इससे केवल आंशिक भाव प्रकट होता हैपूरा नहीं। पदबन्ध में क्रिया नहीं होतीउपवाक्य में क्रिया रहती हैजैसे-'ज्योंही वह आयात्योंही मैं चला गया।यहाँ 'ज्योंही वह आयाएक उपवाक्य हैजिससे पूर्ण अर्थ की प्रतीति नहीं होती।







हिन्दी व्याकरण 

•   भाषा   •   लिपि   •   व्याकरण   •   वर्ण,वर्णमाला   •   शब्द   •   वाक्य   •   संज्ञा   •   सर्वनाम   •   क्रिया   •   काल   •   विशेषण   •   अव्यय   •   लिंग   •   उपसर्ग   •   प्रत्यय   •   तत्सम तद्भव शब्द   •    संधि 1   •  संधि 2   •   कारक   •   मुहावरे 1   •   मुहावरे 2   •   लोकोक्ति   •   समास 1   •   समास 2   •   वचन   •   अलंकार   •   विलोम   •   अनेकार्थी शब्द   •  अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 1   •   अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 2   •   पत्रलेखन   •   विराम चिह्न   •   युग्म शब्द   •   अनुच्छेद लेखन   •   कहानी लेखन   •   संवाद लेखन   •   तार लेखन   •   प्रतिवेदन लेखन   •   पल्लवन   •   संक्षेपण   •   छन्द   •   रस   •   शब्दार्थ   •   धातु   •   पदबंध   •   उपवाक्य   •   शब्दों की अशुद्धियाँ   •   समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द   •   वाच्य   •   सारांश   •   भावार्थ   •   व्याख्या   •   टिप्पण   •   कार्यालयीय आलेखन   •   पर्यायवाची शब्द   •   श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द   •   वाक्य शुद्धि   •   पाठ बोधन   •   शब्द शक्ति   •   हिन्दी संख्याएँ   •   पारिभाषिक शब्दावली   •



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