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मुहावरे (Idioms) Part 2

 


 )

नौ-दो ग्यारह होना (चम्पत होना )- लोग दौड़े कि चोर नौ-दो ग्यारह हो गये।

 इधर का उधर का (कही का नही )- कमबख्त ने  पढ़ा बाप की दस्तकारी सीखी इधर रहा उधर का।

नाक का बल होना (बहुत प्यारा होना )- इन दिनों हरीश अपने प्रधानाध्यापक की नाक का बल बना हुआ है।

नाकों डीएम करना (परेशान करना )- पिछली लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को नाकों दम कर दिया।

नाक काटना (इज्जत जाना )- पोल खुलते ही सबके सामने उसकी नाक कट गयी।

नजर पर चढ़ना- (पसंद  जाना)

नाच नचाना- (तंग करना)

नुक़्ताचीनी करना- (दोष दिखानाआलोचना करना)

निन्यानबे के फेर में पड़ना- (धन जमा करने के चक्कर में पड़ना)

नजर चुराना- (आँख चुराना)

नमक अदा करना- (फर्ज पूरा करनाप्रत्युपकार करना)

नमक-मिर्चा लगाना- (बढ़ा-चढ़ाकर कहना)

नशा उतरना- (घमण्ड उतरना)

नदी-नाव संयोग- (ऐसी भेंट/मुलाकात जो कभी इत्तिफाक से हो जाय)

नसीब चमकना- (भाग्य चमकना)

नींद हराम होना- (तंग आनासो  सकना)

नेकी और पूछ-पूछ- (बिना कहे ही भलाई करना)

 )

पेट काटना (अपने भोजन तक में बचत )- अपना पेट काटकर वह अपने छोटे भाई को पढ़ा रहा है।

पानी उतरना (इज्जत लेना )- भरी सभा में द्रोपदी को पानी उतारने की कोशिश की गयी।

पेट में चूहे कूदना (जोर की भूख )- पेट में चूहे कूद रहे है। पहले कुछ खा लूँतब तुम्हारी सुनूँगा।

पहाड़ टूट पड़ना (भारी विपत्ति आना )- उस बेचारे पर तो दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा।

पट्टी पढ़ाना (बुरी राय देना)- तुमने मेरे बेटे को कैसी पट्टी पढ़ाई कि वह घर जाता ही नहीं ?

पौ बारह होना (खूब लाभ होना)- क्या पूछना है ! आजकल तुम व्यापारियों के ही तो पौ बारह हैं।

पाँचों उँगलियाँ घी में (पूरे लाभ में)- पिछड़े देशों में उद्योगियों और मेहनतकशों की हालत पतली रहती है तथा दलालोंकमीशन एजेण्टों और नौकरशाहों की ही पाँचों उँगलियाँ घी में रहता हैं।

पगड़ी रखना (इज्जत बचाना)- हल्दीघाटी में झाला सरदार ने राजपूतों की पगड़ी रख ली।

पगड़ी उतारना- (इज्जत उतारना)

पाकेट गरम करना- (घूस देना)

पहलू बचाना- (कतराकर निकल जाना)

पते की कहना- (रहस्य या चुभती हुई काम की बात कहना)

पानी का बुलबुला- (क्षणभंगुर वस्तु)

पानी देना- (तर्पण करनासींचना)

पानी  माँगना- (तत्काल मर जाना)

पानी पर नींव डालना- (ऐसी वस्तु को आधार बनाना जो टिकाऊ  हो)

पानी-पानी होना- (अधिक लज्जित होना)

पानी-पानी करना- (लज्जित करना)

पानी पीकर जाति पूछना- (कोई काम कर चुकने के बाद उसके औचित्य का निर्णय करना)

पानी रखना- (मर्यादा की रक्षा करना)

पानी में आग लगाना- (असंभव कार्य करना)

पानी लगना (कहीं का)- (स्थान विशेष के बुरे वातावरण का असर होना )

पानी करना- (सरल कर देना)

पानी लेना- (अप्रतिष्ठित करना)

पानी की तरह बहना- (अन्धाधुन्ध करना)

पानी फिर जाना- (बर्बाद होना)

पापड़ बेलना- (दुःख से दिन काटना)

पोल खुलना- (रहस्य प्रकट करना)

पीठ ठोंकना- (साहस बँधाना)

पुरानी लकीर का फकीर होना/पुरानी लकीर पीटना- (पुरानी चाल मानना)

पैर पकड़ना- (क्षमा चाहना)

पीठ दिखलाना- (पलायन)

 )

फूलना-फलना (धनवान या कुलवान होना)- मेरा आशीर्वाद हैसदा फूलो-फलो।

फूला  समाना- (काफी खुश होना)

फूटी आँखों  भाना- (तनिक भी  सुहाना)

फफोले फोड़ना- (वैर साधना)

फबतियाँ कसना- (ताना मारना)

फूंक-फूंक कर कदम रखना- (सावधान होकर काम करना)

फूल झड़ना- (मधुर बोलना)

 )

बीड़ा उठना (दायित्व लेना)- गांधजी ने भारत को आजाद करने का बीड़ा उठाया था।

बाजी ले जाना या मारना (जीतना)- देखेंदौड़ में कौन बाजी ले जाता या मारता है।

बात बनाना (बहाना बनाना)- तुम हर काम में बात बनाना जानते है।

बगुला भगत-(कपटी)

बगलें झाँकना- (बचाव का रास्ता ढूँढना)

बन्दरघुड़की देना- (धमकाना)

बहती गंगा में हाथ धोना- (वह मौका हाथ से  जाने देना जिससे सभी लाभ उठाते हों)

बाग-बाग होना- (खुश होना)

बाँसो उछलना- (काफी खुश होना)

बाजार गर्म होना- (सरगर्मी होनातेजी होना)

बात का धनी- (वादे का पक्कादृढप्रतिज्ञ)

बात की बात में- (अतिशीघ्र)

बात चलाना- (चर्चा करना)

बात  पूछना- (निरादार करना)

बात पर  जाना- (विश्वास  करना)

बात बनाना- (बहाना करना)

बात रहना- (वचन पूरा करना)

बातों में उड़ाना- (हँसी-मजाक में उड़ा देना)

बात पी जाना-(बर्दाश्त करनासुनकर भी ध्यान  देना)

बायें हाथ का खेल- (सरल होना)

बाल की खाल निकालना- (छिद्रान्वेषण करना)

बालू की भीत- (शीघ्र नष्ट होनेवाली चीज)

बेसिर-पैर की बात-(निराधार बात)

बोलबाला- (प्रसिद्ध)

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भीगी बिल्ली होना (डर से दबना)- वह अपने शिक्षक के सामने भीगी बिल्ली हो जाता है।

भाड़े का टट्टू- (गया-बीता)

भेड़ियाधसान होना-(देखा-देखी करना)

भाड़ झोंकना- (समय नष्ट करना)

भूत चढ़ना या सवार होना- (किसी बात की जिद पकड़नारंज के मारे आगा-पीछा भूल जाना)

भारी लगना- (असहय होना)

भनक पड़ना- (उड़ती हुई खबर सुनना)

 )

मुँह धो रखना (आशा  रखना)- यह चीज अब मिलने को नही मुँह धो रखिए।

मुँह में पानी आना (लालच होना)- मिठाई देखते ही उसके मुँह में पानी भर आया।

मैदान मारना (बाजी जीतना)- पानीपत की लड़ाई में आखिर अब्दाली ही मैदान मारा।

मिट्टी के मोल बिकना(बहुत सस्ता)- यह मकान मिट्टी के मोल बिक गया

मुट्ठी गरम करना (घूस देना)- पुलिस की मुठ्ठी गरम करो ,तो काम होगा।

मुँह बंद कर देना (शांत कराना)- तुम धमकी देकर मेरा मुँह बंद कर देना चाहते हो

मर मिटना- (बर्बाद होना)

मांस नोचना- (तंग करना)

मोम हो जाना- (खूब नरम बन जाना)

मन फट जाना- (विराग होनाफीका पड़ना)

मिट्टी में मिलना- (नष्ट होना)

मन चलना- (इच्छा होना)

मन के लड्डू खाना- (व्यर्थ की आशा पर प्रसन्न होना)

मैदान साफ होना- (मार्ग में बाधा  होना)

मीन-मेख करना- (व्यर्थ तर्क)

मन खट्टा होना- (मन फिर जाना)

मिट्टी पलीद करना- (जलील करना)

मोटा आसामी- (मालदार आदमी)

मुठभेड़ होना- (मुकाबला होना)

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यश गाना- (प्रशंसा करनाएहसान मानना)

यश मानना- (कृतज्ञ होना)

युग-युग- (बहुत दिनों तक)

युगधर्म- (समय के अनुसार चाल या व्यवहार)

युगांतर उपस्थित करना- (किसी पुरानी प्रथा को हटाकर उसके स्थान पर नई प्रथा चलाना)

 )

रंग जमना (धाक जमना)- तुम्हारा तो कल खूब रंग जमा।

रंग बदलना (परिवर्तन होना)- जमाने का रंग बदल गया है।

रंग उतरना (फीका होना)- सजा सुनते ही अपराधी के चेहरे का रंग उतर गया।

रंग में भंग होना- (आनन्द में बिघ्न पड़ना)

रंग लाना- (प्रभाव दिखाना)

रंगा सियार- (ढोंगी)

रफूचक्कर होना- (भाग जाना)

रसातल चला जाना- (एकदम नष्ट हो जाना)

राई से पर्वत होना- (छोटे से बड़ा होना)

रीढ़ टूटना- (आधार समाप्त होना)

रोटियाँ तोड़ना- (बैठे-बैठे खाना)

रोना रोना- (दुखड़ा सुनाना)

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लोहे के चने चबाना ( कठिनाई झेलना)- भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सेना को लोहे के चने चबाने पड़े।

लकीर का फकीर होना (पुरानी प्रथा पर ही चलना)- ये अबतक लकीर के फकीर ही है। टेबुल पर नहीचौके में ही खायेंगे।

लोहा मानना (श्रेष्ठ समझना)- आज दुनिया भरतीय जवानों का लोहा मानती है।

लेने के देने पड़ना (लाभ के बदले हानि)- नया काम हैं। सोच-समझकर आगे बढ़ना। कहीं लेने के देने  पड़ जायें।

लँगोटी पर (मेंफाग खेलना- (अल्पसाधन होते हुए भी विलासी होना)

लाख से लाख होना- (कुछ  रह जाना)

लाले पड़ना- (मुँहताज होना)

लुटिया डुबोना- (काम बिगाड़ना)

लोहा बजना- (युद्ध होना)

लँगोटिया यार- (बचपन का दोस्त)

लहू होना- (मुग्ध होना)

लग्गी से घास डालना- (दूसरों पर टालना)

लल्लो-चप्पो करना- (खुशामद करनाचिरौरी करना)

लहू का घूंट पीना- (बर्दाश्त करना)

लाल-पीला होना- (रंज होना)

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वचन हारना- (जबान हारना)

वचन देना- (जबान देना)

वक़्त पर काम आना- (विपत्ति में मदद करना)

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शर्म से गड़ जाना- (अधिक लज्जित होना)

शर्म से पानी-पानी होना- (बहुत लजाना)

शान में बट्टा लगना- (इज्जत में धब्बा लगना)

शेखी बघारना- (डींग हाँकना)

शौतान की आँत- (बहुत बड़ा)

शौतान की खाला- (झगड़ालू स्त्री)

शिकार हाथ लगना- (असामी मिलना)

षटराग (खटरागअलापना- (रोना-गानाबखेड़ा शुरू करनाझंझट करना)

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श्रीगणेश करना (शुभारम्भ करना)- कोई शुभ दिन देखकर किसी शुभ कर्म का श्रीगणेश करना चाहिए।

सर्द हो जाना (डरनामरना)- बड़ा साहसी बनता थापर भूत का नाम सुनते ही सर्द हो गया।

साँप-छछूंदर की हालत (दुविधा)- पिता अलग नाराज हैमाँ अलग। किसे क्या कहकर मनाऊँ ?मेरी तो साँप-छछूंदर की हालत है इन दिनों।

समझ (अक्लपर पत्थर पड़ना (बुद्धि भ्रष्ट होना)- रावण की समझ पर पत्थर पड़ा था कि भला कहनेवालों को उसने लात मारी।

सिक्का जमना (प्रभाव जमना)- आज तुम्हारे भाषण का वह सिक्का जमा कि उसके बाद बाकी वक्ता जमे ही नहीं।

सवा सोलह आने सही (पूरे तौर पर ठीक)- राम की सेना में हनुमान इसलिए श्रेष्ठ माने जाते थे कि हर काम में वे ही सवा सोलह आने सही उतरते थे।

सिर पर  जाना (बहुत नजदीक होना)- परीक्षा मेरे सिर पर  गयी हैअब मुझे खूब पढ़ना चाहिए।

सिर खुजलाना (हाना करना)- सिर  खुजलाओदेना है तो दो।

सर धुनना (शोक करना)- राम परीक्षा में असफल होने पर सर धुनने लगी।

सर गंजा कर देना (खूब पीटना)- भागो यहाँ सेनही तो सर गंजा कर दूँगा।

सफेद झूठ (सरासर झुठ)- यह सफेद झूठ है कि मैंने उसे गाली दी।

सब्ज बाग दिखाना- (बड़ी-बड़ी आशाएँ दिलाना)

सितारा चमकना या बुलंद होना- (भाग्योदय होना)

सिप्पा भिड़ाना- (उपाय करना)

सात-पाँच करना- (आगे पीछे करना)

सुबह का चिराग होना- (समाप्ति पर आना)

सैकड़ों घड़े पानी पड़ना- (लज्जित होना)

सन्नाटे में आना/सकेत में आना- (स्तब्ध हो जाना)

सब धान बाईस पसेरी- (सबके साथ एक-सा व्यवहारसब कुछ बराबर समझना)

 )

हाथ पैर मारना (काफी प्रयास )- राम कितना मेहनत क्या फिर भी वह परीक्षा में सफल नहीं हुआ।

हाथ मलना (पछताना )- समय बीतने पर हाथ मलने से क्या लाभ ?

हाथ देना (सहायता करना )- आपके हाथ दिये बिना यह काम  होगा।

हाथोहाथ (जल्दी )- यह काम हाथोहाथ होकर रहेगा।

हथियार डाल देना (हार मान लेना)- जब कुछ करते  बना तो उसने हथियार डाल दिये।

हाथ के तोते उड़ना- (अचानक शोक-समाचार सुनकर स्तब्ध हो जाना)

होश उड़ जाना- (घबड़ा जाना)

हक्क-बक्का रह जाना- (भौंचक रह जाना)

हजामत बनाना- (ठगना)

हवा लगना- (संगति का प्रभाव (बुरे अर्थ में)

हवा खिलाना- (कहीं भेजना)

हड्डी-पसली दुरुस्त करना- (खूब मारना)

हड़प जाना- (हजम कर जाना)

हल्का होना- (तुच्छ होनाकम होना)

हल्दी-गुड़ पिलाना- (खूब मारना)

हवा पर उड़ना- (इतराना)

हृदय पसीजना- (दयार्द्र होनाद्रवित होना)

(शरीर के अंगो पर मुहावरे)

(1)('आँखपर मुहावरे)

आँखें खुलना (होश आनासावधान होना)- जनजागरण से हमारे शासकों की आँखें अब खुलने लगी हैं।

आँखें चार होना (आमने-सामने होना)- जब आँखें चार होती हैमुहब्बत हो ही जाती है।

आँखें मूँदना (मर जाना)- आज सबेरे उसके पिता ने आँखें मूँद ली।

आँखें चुराना (नजर बचानाअपने को छिपाना)- मुझे देखते ही वह आँखें चुराने लगा।

आखों में खून उतरना (अधिक क्रोध करना)- बेटे के कुकर्म की बात सुनकर पिता की आँखों में खून उतर आया।

आँखों में गड़ना (किसी वस्तु को पाने की उत्कट लालसा)- उसकी कलम मेरी आँखों में गड़ गयी है।

आँखें फेर लेना (उदासीन हो जाना)- मतलब निकल जाने के बाद उसने मेरी ओर से बिलकुल आँखें फेर ली है।

आँख मारना (इशारा करना)- उसने आँख मारकर मुझे बुलाया।

आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)- वह बड़ों-बड़ों की आँखों में धूल झोंक सकता है।

आँखें बिछाना (प्रेम से स्वागत करना)- मैंने उनके लिए अपनी आँखें बिछा दीं।

आँखों का काँटा होना (शत्रु होना)- वह मेरी आँखों का काँटा हो रहा है।

आँख उठाना- (हानि पहुँचाने की दृष्टि से देखना)

आँखें ठंढी होना- (इच्छा पूरी होना)

आँख दिखाना- (क्रोध प्रकट करना)

आँखों पर बिठाना- (आदर करना)

आँख भर आना- (आँसू आना)

आँखों में धूल डालना- (धोखा देना)

आँखें लड़ना- (देखादेखी होनाप्रेम होना)

आँखें लाल करना- (क्रोध की नजर से देखना)

आँखें थकना- (प्रतीक्षा में निराश होना)

आँखों में चर्बी छाना- (घमण्डी होना)

आँखों में खटकना- (बुरा लगना)

आँखें नीली-पीली करना- (नाराज होना)

आँख का अंधागाँठ का पूरा- (मूर्ख धनवान)

आँखों की किरकिरी होना- (शत्रु होना)

आँखों का प्यारा या पुतली होना- (बहुत प्यारा होना)

आँखों का पानी ढल जाना- (लज्जारहित हो जाना)

आँखें सेंकना- (किसी की सुन्दरता देख आँखें जुड़ाना)

आँखें आना- (आँख में एक प्रकार की बीमारी होना)

आँखें गड़ाना- (दिल लगानाइच्छा करना)

आँख फड़कना- (सगुन उचरना)

आँखें लगना- (प्रेम करनाजरा-सी नींद आना)

आँख रखना- (ध्यान रखना)

आँख में पानी रखना- (मुरौवत रखना)

(2) (अँगूठा पर मुहावरे)

अँगूठा चूमना- (खुशामद करना)

अँगूठा दिखाना- (देने से इंकार करना)

अँगूठा नचाना- (चिढाना)

(3) (आँसू पर मुहावरे)

आँसू पोंछना- (धीरज बँधाना)

आँसू बहाना- (खूब रोना)

आँसू पी जाना- (दुःख को छिपा लेना)

(4)(ओठ पर मुहावरे)

ओठ चाटना- (स्वाद की इच्छा रखना)

ओठ मलना- (दण्ड देना)

ओठ चबाना- (क्रोध करना)

ओठ सूखना- (प्यास लगना)

(5)(ऊँगली पर मुहावरे)

ऊँगली उठना- (निन्दा होना)

ऊँगली पकड़ते पहुँचा पकड़ना- (थोड़ा-सा सहारा पाकर अधिक के लिए उत्साहित होना)

कानों में ऊँगली देना- (किसी बात को सुनने की चेष्टा  करना)

पाँचों उँगलियाँ घी में होना- (सब प्रकार से लाभ-ही-लाभ)

सीधी ऊँगली से घी  निकलना- (भलमनसाहत से काम  होना)

(6) ('कानपर मुहावरे)

कान खोलना (सावधान करना)- मैंने उसके कान खोल दिये। अब वह किसी के चक्कर में नहीं आयेगा।

कान खड़े होना (होशियार होना)- दुश्मनों के रंग-ढंग देखकर मेरे कान खड़े हो गये।

कान फूंकना (दीक्षा देनाबहकाना)- मोहन के कान सोहन ने फूंके थेफिर उसने किसी की कुछ  सुनी।

कान लगाना (ध्यान देना)- उसकी बातें कान लगाने योग्य हैं।

कान भरना (पीठ-पीछे शिकायत करना)- तुम बराबर मेरे खिलाफ अफसर के कान भरते हो।

कान में तेल डालना (कुछ  सुनना)- मैं कहते-कहते थक गयापर ये कान में तेल डाले बैठे हैं।

कान पर जूँ  रेंगना (ध्यान  देनाअनसुनी करना)- सरकार तो बड़ी-बड़ी बातें कहती हैमगर अफसरों के कान पर जूँ नहीं रेंगती।

कान देना (ध्यान देना)- शिक्षकों की बातों पर कान दीजिए।

कान उमेठना- (शपथ लेना)

कान पकड़ना- (प्रतिज्ञा करना)

कानों कान खबर होना- (बात फैलना)

कान काटना- (बढ़कर काम करना)

(7) ( कलेजा पर मुहावरे )

कलेजे से लगाना- (प्यार करनाछाती से चिपका लेना)

कलेजा काँपना- (डरना)

कलेजा थामकर रह जाना- (अफसोस कर रह जाना)

कलेजा निकाल कर रख देना- (अतिप्रिय वस्तु अर्पित कर देना)

कलेजा ठंढा होना- (संतोष होना)

(8) ('नाकपर मुहावरे)

नाक कट जाना (प्रतिष्ठा नष्ट होना)- पुत्र के कुकर्म से पिता की नाक कट गयी।

नाक काटना (बदनाम करना)- भरी सभा में उसने मेरी नाक काट ली।

नाक-भौं चढ़ाना (क्रोध अथवा घृणा करना)- तुम ज्यादा नाक-भौं चढ़ाओगेतो ठीक  होगा।

नाक में दम करना (परेशान करना)- शहर में कुछ गुण्डों ने लोगों की नाक में दम कर रखा है।

नाक का बाल होना (अधिक प्यारा होना)- मैनेजर मुंशी की  सुनेगा तो किसकी सुनेगा ?वह तो आजकल उसकी नाक का बाल बना हुआ है।

नाक रगड़ना (दीनतापूर्वक प्रार्थना करना)- उसने मालिक के सामने बहुत नाक रगड़ीपर सुनवाई  हुई।

नाकों चने चबवाना (तंग करना)- भारतीयों ने अंगरेजों को नाकों चने चबवा दिये।

नाक पर मक्खी  बैठने देना (निर्दोष बचे रहना)- उसने कभी नाक पर मक्खी बैठने ही  दी।

नाक पर गुस्सा (तुरन्त क्रोध)- गुस्सा तो उसकी नाक पर रहता है।

नाक रखना- (प्रतिष्ठा रखना)

(9) ('मुँहपर मुहावरे)

मुँह छिपाना (लज्जित होना)- वह मुझसे मुँह छिपाये बैठा है।

मुँह पकड़ना (बोलने से रोकना)- लोकतन्त्र में कोई किसी का मुँह नहीं पकड़ सकता।

मुँह की खाना (बुरी तरह हारना)- अन्त में उसे मुँह की खानी पड़ी।

मुँह दिखाना (प्रत्यक्ष होना)- तुमने ऐसा कुकर्म किया है कि अब किसी के सामने मुँह दिखाने के लायक  रहे।

मुँह उतरना (उदास होना)- परीक्षा में असफल होने पर श्याम का मुँह उतर आया।

मुँह खुलना- (उदण्डतापूर्वक बातें करनाबोलने का साहस होना)

मुँह देनाया डालना- (किसी पशु का मुँह डालना)

मुँह बन्द होना- (चुप होना)

मुँह में पानी भर आना- (ललचना)

मुँह से लार टपकना- (बहुत लालची होना)

मुँह काला होना- (कलंक या दोष लगना)

मुँह धो रखना- (आशा  रखना)

मुँह पर (या चेहरे परहवाई उड़ना)- (घबराना)

मुँहफट हो जाना- (निर्लज्ज होना)

मुँह फुलाना- (रूठ जाना)

मुँह बनाना- (असंतुष्ट होना)

मुँह मोड़ना- (ध्यान  देना)

मुँह लगाना- (सिर चढ़ाना)

मुँह रखना- (लिहाज रखना)

मुँहदेखी करना- (पक्षपात करना)

मुँह चुराना- (संकोच करना)

मुँह में लगाम  होना- (जो मुँह में आवे सो कह देना)

मुँह चाटना- (खुशामद करना)

मुँह भरना- (घूस देना)

मुँह लटकना- (रंज होना)

मुँह आना- (मुँह की बीमारी होना)

मुँह की खाना- (परास्त होना)

मुँह सूखना- (भयभीत होना)

मुँह ताकना- (किसी का आसरा करना)

मुँह में खून लगना- (बुरी चाट पड़नाचसका लगना)

मुँह फेरना- (अकृपा करना)

मुँह मीठा करना- (प्रसन्न करना)

मुँह से फूल झड़ना- (मधुर बोलना)

मुँह में घी-शक्कर- (किसी अच्छी भविष्यवाणी का अनुमोदन करना)

मुँह से मुँह मिलाना- (हाँ-में-हाँ मिलानाबही-खाता आदि में हिसाब सही  लिखकर भी जमा-खर्च या उत्तर सही लिख देना )

(10) ('दाँतपर मुहावरे)

दाँत दिखाना (खीस काढ़ना)- खुद ही देर की और अब दाँत दिखाते हो।

दाँत तले ऊँगली दबाना (चकित होना)- ढाके की मलमल देखकर इंगलैण्ड के जुलाहे दाँतों तले ऊँगली दबाते थे।

दाँत काटी रोटी (गहरी दोस्ती)- राम के पिता से श्याम के पिता की दाँत काटी रोटी है।

दाँत गिनना (उम्र पता लगाना)- कुछ लोग ऐसे है कि उनपर वृद्धावस्था का असर ही नहीं होता। ऐसे लोगों के दाँत गिनना आसान नहीं।

दाँत खट्टे करना- (पस्त करना)

तालू में दाँत जमना- (बुरे दिन आना)

दाँत जमाना- (अधिकार पाने के लिए दृढ़ता दिखाना)

दाँत गड़ाना- (किसी वस्तु को पाने के लिए गहरी)

दाँत गिनना- (उम्र बताना)

(11) ('बातपर मुहावरे)

बात का धनी (वायदे का पक्का)- मैं जानता हूँवह बात का धनी है।

बात की बात में (अति शीघ्र)- बात की बात में वह चलता बना।

बात चलाना (चर्चा चलाना)- कृपया मेरी बेटी के ब्याह की बात चलाइएगा 

बात तक  पूछना (निरादर करना)- मैं विवाह के अवसर पर उसके यहाँ गयापर उसने बात तक  पूछी।

बात बढ़ाना (बहस छिड़ जाना)- देखोबात बढाओगे तो ठीक  होगा।

बात बनाना (बहाना करना)- तुम्हें बात बनाने से फुर्सत कहाँ ?

(12) ('सिरपर मुहावरे)

सिर उठाना (विरोध में खड़ा होना)- देखता हूँमेरे सामने कौन सिर उठाता है ?

सिर भारी होना (सिर में दर्द होनाशामत सवार होना)- मेरा सिर भारी हो रहा है। किसका सिर भारी हुआ है जो इसकी चर्चा करें ?

सिर पर सवार होना (पीछे पड़ना)- तुम कब तक मेरे सिर पर सवार रहोगे ?

सिर से पैर तक (आदि से अन्त तक)- तुम्हारी जिन्दगी सिर से पैर तक बुराइयों से भरी है।

सिर पीटना (शोक करना)- चोर उस बेचारे की पाई-पाई ले गये। सिर पीटकर रह गया वह।

सिर पर भूत सवार होना (एक ही रट लगानाधुन सवार होना)- मालूम होता है कि घनश्याम के सिर पर भूत सवार हो गया हैजो वह जी-जान से इस काम में लगा है।

सिर फिर जाना (पागल हो जाना)- धन पाकर उसका सिर फिर गया है।

सिर चढ़ाना (शोख करना)- बच्चों को सिर चढ़ाना ठीक नहीं।

सिर आँखों पर होना- (सहर्ष स्वीकार होना)

सिर पर चढ़ना- (शेख होना)

सिर ऊँचा करना- (आदर का पात्र होना)

सिर खाना- (बकवास करना)

सिर झुकाना- (आत्मसमर्पण करना)

सिर पर पांव रखकर भागना- (बहुत जल्द भाग जाना)

सिर पड़ना- (नाम लगना)

सिर खुजलाना- (बहाना करना)

सिर धुनना- (शोक करना)

सिर चढ़कर बोलना- (छिपाये  छिपना)

सिर मारना- (प्रयत्न करना)

सिर पर खेलना- (प्राण दे देना)

सिर गंजा कर देना- (मारने का भय दिखाना)

सिर पर कफन बाँधना- (शहादत के लिए तैयार होना)

(13) ('गर्दनपर मुहावरे)

गर्दन उठाना (प्रतिवाद करना)- सत्तारूढ़ सरकार के विरोध में गर्दन उठाना टेढ़ी खीर है।

गर्दन पर सवार होना (पीछा  छोड़ना)- जब देखोतब मेरी गर्दन पर सवार रहते हो।

गर्दन काटना (जान से मारनाहानि पहुँचाना)- वह तो उनकी गर्दन काट डालेगा। झूठी शिकायत कर क्यों गरीब की गर्दन काटने पर तुले हो ?

गर्दन पर छुरी फेरना- (अत्याचार करना)

(14) ( हाथ पर मुहावरे)

हाथ आना- (अधिकार में आना)

हाथ खींचना- (अलग होना)

हाथ खुजलाना- (किसी को पीटने को जी चाहना

हाथ देना- (सहायता देना)

हाथ पसारना- (माँगना)

हाथ बँटाना- (मदद करना)

हाथ लगाना- (आरंभ करना)

हाथ मलना- (पछताना)

हाथ गरम करना- (घूस देना)

हाथ चूमना- (हर्ष व्यक्त करना)

हाथ धोकर पीछे पड़ना- (जी-जान से लग जाना)

हाथ पर हाथ धरे बैठना- (बेकार बैठे रहना)

हाथ फैलना- (याचना करना)

हाथ मारना- (उड़ा लेनालाभ उठाना)

हाथ साफ करना- (मारनाउड़ा लेनाखूब खाना)

हाथ धो बैठना- (आशा खो देना)

हाथापाई करना- (मुठभेड़ होना)

हाथ पकड़नाकिसी स्त्री को पत्नी बनानाआश्रय देना)

(15) ( मिथकीय/ऐतिहासिक नामों से संबद्ध मुहावरे )

अलाउदीन का चिराग- (आश्चर्यजनक वस्तु)

इन्द्र का अखाड़ा- (रास-रंग से भरी सभा)

इन्द्रासन की परी- (बहुत सुंदर स्त्री)

कर्ण का दान- (महादान)

कारूं का खजाना- (अतुल धनराशि)

कुबेर का धन/कोश- (अतुल धनराशि)

कुम्भकर्णी नींद- (बहुत गहरीलापरवाही की नींद)

गोबर गणेश- (मूर्खबुद्धूनिकम्मा)

गोरख धंधा- (बखेड़ाझंझट)

चाणक्य नीति- (कुटिल नीति)

छुपा रुस्तम- (असाधारण किन्तु अप्रसिद्ध गुणी)

तीसमार खां बनना- (अपने को बहुत शूरवीर समझना और शेखी बघारना)

तुगलकी फरमान- (जनता की सुविधा-असुविधा का ख्याल किये बिना जारी किया गया शासनादेश

दूर्वासा का रूप- (बहुत क्रोध करना)

दुर्वासा का शाप- (उग्र शाप)

धन-कुबेर- (अधिक धनवान)

नादिरशाही हुक्म- (मनमाना हुक्म)

नारद मुनि- (इधर-उधर की बातें कर कलह कराने वाला व्यक्ति)

परशुराम का कोप- (अत्यधिक क्रोध)

पांचाली चीर- (बड़ी लंबीसमाप्त  होनेवाली वस्तु)

ब्रह्म पाश/फांस- (अत्यधिक मजबूत फंदा)

भगीरथ प्रयत्न- (बहुत बड़ा प्रयत्न)

भीष्म प्रतिज्ञा- (कठोर प्रतिज्ञा)

महाभारत- (भयंकर झगड़ाभयंकर युद्ध)

महाभारत मचना- (खूब लड़ाई-झगड़ा होना)

यमलोक भेजना- (मार डालना)

राम बाण- (तुरन्त प्रभाव दिखाने या कभी  चूकने वाली चीज)

राम राज्य- (ऐसा राज्य जिसमें बहुत सुख हो)

राम कहानी- (अपनी कहानीआपबीती)

राम जाने- (मुझे नहीं मालूमएक प्रकार की शपथ खाना)

राम नाम सत्त हो जाना- (मर जाना)

रामबाण औषध- (अचूक दवा)

राम राम करना- (नमस्कार करनाभगवान का नाम जपना)

लंका काण्ड- (भयंकर विनाश)

लंका ढहाना- (किसी का सत्यानाश कर देना)

लक्ष्मण रेखा- (अलंघ्य सीमा या मर्यादा)

विभीषण- (घर का भेदीभेदिया)

शेखचिल्ली के इरादे- (हवाई योजनाअमल में  आने वाले (कार्य रूप में परिणत  होने वालेइरादे

सनीचर सवार होना- (दुर्भाग्य आनाबुरे दिन आना)

सुदामा की कुटिया- (गरीब की झोंपड़ी)

हम्मीर हठ-(अनूठी आन)

हातिमताई- (दानशीलपरोपकारी)






हिन्दी व्याकरण 

•   भाषा   •   लिपि   •   व्याकरण   •   वर्ण,वर्णमाला   •   शब्द   •   वाक्य   •   संज्ञा   •   सर्वनाम   •   क्रिया   •   काल   •   विशेषण   •   अव्यय   •   लिंग   •   उपसर्ग   •   प्रत्यय   •   तत्सम तद्भव शब्द   •    संधि 1   •  संधि 2   •   कारक   •   मुहावरे 1   •   मुहावरे 2   •   लोकोक्ति   •   समास 1   •   समास 2   •   वचन   •   अलंकार   •   विलोम   •   अनेकार्थी शब्द   •  अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 1   •   अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 2   •   पत्रलेखन   •   विराम चिह्न   •   युग्म शब्द   •   अनुच्छेद लेखन   •   कहानी लेखन   •   संवाद लेखन   •   तार लेखन   •   प्रतिवेदन लेखन   •   पल्लवन   •   संक्षेपण   •   छन्द   •   रस   •   शब्दार्थ   •   धातु   •   पदबंध   •   उपवाक्य   •   शब्दों की अशुद्धियाँ   •   समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द   •   वाच्य   •   सारांश   •   भावार्थ   •   व्याख्या   •   टिप्पण   •   कार्यालयीय आलेखन   •   पर्यायवाची शब्द   •   श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द   •   वाक्य शुद्धि   •   पाठ बोधन   •   शब्द शक्ति   •   हिन्दी संख्याएँ   •   पारिभाषिक शब्दावली   •



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