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लिंग (Gender)

 


लिंग (Gender)

"संज्ञा के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु की नर या मादा जाति का बोध होउसे व्याकरण में 'लिंगकहते है।

दूसरे शब्दों में-संज्ञा शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति होने का पता चलता हैउसे लिंग कहते है।

सरल शब्दों मेंशब्द की जाति को 'लिंगकहते है। 

जैसे -पुरुष जातिबैलबकरामोरमोहनलड़का आदि। 

स्त्री जातिगायबकरीमोरनीमोहिनीलड़की आदि।

'लिंगसंस्कृत भाषा का एक शब्द हैजिसका अर्थ होता है 'चिह्नया 'निशान' चिह्न या निशान किसी संज्ञा का ही होता है। 'संज्ञाकिसी वस्तु के नाम को कहते है और वस्तु या तो पुरुषजाति की होगी या स्त्रीजाति की। तात्पर्य यह है कि प्रत्येक संज्ञा पुंलिंग होगी या स्त्रीलिंग। संज्ञा के भी दो रूप हैं। एकअप्रणिवाचक संज्ञालोटाप्यालीपेड़पत्ता इत्यादि और दूसराप्राणिवाचक संज्ञाघोड़ा-घोड़ीमाता-पितालड़का-लड़की इत्यादि।

हिन्दी व्याकरण में लिंग के दो भेद होते है-

(1) पुलिंग (Masculine Gender)       (2) स्त्रीलिंग ( Feminine Gender)

(1) पुलिंग :- जिन संज्ञा शब्दों से पुरूष जाति का बोध होता हैउसे पुलिंग कहते है।

जैसेसजीवकुत्ताबालकखटमलपिताराजाघोड़ाबन्दरहंसबकरालड़का इत्यादि।

निर्जीव पदार्थमकानफूलनाटकलोहाचश्मा इत्यादि। 

भावदुःखलगावइत्यादि।

(2)स्त्रीलिंग :- जिस संज्ञा शब्द से स्त्री जाति का बोध होता हैउसे स्त्रीलिंग कहते है।

जैसेसजीवमातारानीघोड़ीकुतियाबंदरियाहंसिनीलड़कीबकरी,जूँ। 

निर्जीव पदार्थसूईकुर्सीगर्दन इत्यादि। 

भावलज्जाबनावट इत्यादि।

पुल्लिंग की पहचान

(1) कुछ संज्ञाएँ हमेशा पुल्लिंग रहती है -   खटमलभेड़याखरगोशचीतामच्छरपक्षीआदि 

(2) समूहवाचक संज्ञामण्डलसमाजदलसमूहवर्ग आदि 

(3) भारी और बेडौल वस्तुअो के नामजूतारस्सालोटा ,पहाड़ आदि।

(4) दिनों के नामसोमवारमंगलवारबुधवारशनिवार आदि।

(5) महीनो के नामचैतवैसाखजनवरीफरवरी आदि।

(6) पर्वतों के नामहिमालयविन्द्याचलसतपुड़ा आदि।

(7) देशों के नामभारतचीनइरानअमेरिका आदि।

(8) नक्षत्रों ग्रहों के नामसूर्यचन्द्रराहूशनिआकाशबृहस्पतिबुध आदि। अपवादपृथ्वी 

(9) धातुओंसोनातांबापीतललोहाआदि 

(10) वृक्षों,फलो के नामअमरुदकेलाशीशमपीपलआम आदि। 

(11) अनाजों के नामचावलचनाजौगेहूँ आदि। 

(12) रत्नों के नामनीलमपन्नामोतीहीरा आदि। 

(13) फूलों के नामगेंदामोतियाकमलगुलाब आदि। 

(14) देशों और नगरों के नामदिल्लीलन्दनचीनरूसभारत आदि। 

(15) द्रव पदार्थो के नामशरबतदहीदूधपानीतेलघी आदि। 

(16) आकारान्त संज्ञायेंगुस्साचश्मापैसाछाता आदि।

स्त्रीलिंग की पहचान

(1) कुछ संज्ञाएँ हमेशा स्त्रीलिंग रहती हैमक्खी ,कोयलमछलीतितलीमैना आदि। 

(2) समूहवाचक संज्ञायेंभीड़कमेटीसेनासभाकक्षा आदि। 

(3) प्राणिवाचक संज्ञाधायसन्तानसौतन आदि। 

(4) छोटी और सुन्दर वस्तुअों के नामजूतीरस्सीलुटियापहाड़ी आदि। 

(5) नदियों के नामरावीकावेरीकृष्णागंगा आदि। 

(6) भाषाओं  लिपियों के नामदेवनागरीअंग्रेजीहिंदीबंगाली आदि। 

(7) पुस्तकों के नामकुरानरामायणगीता आदि। 

(8) तिथियों के नामपूर्णिमाअमावस्थाचतुर्थीप्रथमा आदि। 

(9) आहारों के नामसब्जीदालकचौरीपूरीरोटी आदि।    अपवादहलुआअचाररायता आदि। 

(10) ईकारान्त वाले शब्दनानीबेटीमामीभाभी आदि। 

(12) जिन शब्दों के अन्त में 'हटवटताआईयातथा 'आसआये-

हटकड़वाहटबौखलाहटघबराहट आदि।

वटमिलावटबनावटसजावट आदि।

ताशत्रुतामित्रतामूखर्ता आदि।

आईबड़ाईरजाईमिठासप्यास आदि।

याछायामायाकाया आदि।

आसखटासमिठासप्यास आदि

नोटहिन्दी भाषा में वाक्य रचना में क्रिया का रूप लिंग पर ही निर्भर करता है। यदि कर्ता पुल्लिंग है तो क्रिया रूप भी पुल्लिंग होता है तथा यदि कर्ता स्त्रीलिंग है तो क्रिया का रूप भी स्त्रीलिंग होता है।

पं० कामताप्रसाद गुरु ने संस्कृत शब्दों को पहचानने के निम्नलिखित नियम बताये है-

(जिन संज्ञाओं के अन्त में 'त्रहोता है। जैसेचित्रक्षेत्रपात्रनेत्रचरित्रशस्त्र इत्यादि। 

() 'नान्तसंज्ञाएँ। जैसेपालनपोषणदमनवचननयनगमनहरण इत्यादि।    अपवाद- 'पवनउभयलिंग है। 

() ''-प्रत्ययान्त संज्ञाएँ। जैसेजलज,स्वेदजपिण्डजसरोज इत्यादि। 

(जिन भाववाचक संज्ञाओं के अन्त में त्वत्य होता है। जैसेसतीत्वबहूत्वनृत्यकृत्यलाघवगौरवमाधुर्य इत्यादि। 

(जिन शब्दों के अन्त में 'आर', 'आय', 'वा', 'आसहो। जैसेविकारविस्तारसंसारअध्यायउपायसमुदायउल्लासविकासह्रास इत्यादि। 

अपवादसहाय (उभयलिंग), आय (स्त्रीलिंग 

() ''-प्रत्ययान्त संज्ञाएँ। जैसेक्रोधमोहपाकत्यागदोषस्पर्श इत्यादि। 

अपवादजय (स्त्रीलिंग), विनय (उभयलिंगआदि। 

() ''-प्रत्ययान्त संज्ञाएँ। जैसेचरितगणितफलितमतगीतस्वागत इत्यादि। 

(जिनके अन्त में 'होता है। जैसेनखमुखसुखदुःखलेखमखशख इत्यादि।

 

पं० कामताप्रसाद गुरु ने संस्कृत स्त्रीलिंग शब्दों को पहचानने के निम्नलिखित नियम बताये है-

(आकारान्त संज्ञाएँ। जैसेदयामायाकृपालज्जाक्षमाशोभा इत्यादि। 

(नाकारान्त संज्ञाएँ। जैसेप्रार्थनावेदनाप्रस्तावनारचनाघटना इत्यादि। 

(उकारान्त संज्ञाएँ। जैसेवायुरेणुरज्जुजानुमृत्युआयुवस्तुधातु इत्यादि। 

अपवादमधुअश्रुतालुमेरुहेतुसेतु इत्यादि। 

(जिनके अन्त में 'तिवा 'निहो। जैसेगतिमतिरीतिहानिग्लानियोनिबुद्धिऋद्धिसिद्धि (सिध् +ति=सिद्धिइत्यादि। 

() 'ता'-प्रत्ययान्त भाववाचक संज्ञाएँ। जैसेन्रमतालघुतासुन्दरताप्रभुताजड़ता इत्यादि। 

(इकारान्त संज्ञाएँ। जैसेनिधिविधिपरिधिराशिअग्निछविकेलिरूचि इत्यादि। 

अपवादवारिजलधिपाणिगिरिअद्रिआदिबलि इत्यादि। 

() 'इमा'- प्रत्ययान्त शब्द। जैसेमहिमागरिमाकालिमालालिमा इत्यादि।

तत्सम पुंलिंग शब्द

चित्रपत्रपात्रमित्रगोत्रदमनगमनगगनश्रवणपोषणशोषणपालनलालनमलयजजलजउरोजसतीत्वकृत्यलाघववीर्यमाधुर्यकार्यकर्मप्रकारप्रहारविहारप्रचारसारविस्तारप्रसारअध्यायस्वाध्यायउपहारह्रासमासलोभक्रोधबोधमोदग्रन्थनखमुखशिखदुःखसुखशंखतुषारतुहिनउत्तरपश्रमस्तकआश्र्चर्यनृत्यकाष्टछत्रमेघकष्टप्रहरसौभाग्यअंकनअंकुशअंजनअंचलअन्तर्धानअन्तस्तलअम्बुजअंशअकालअक्षरकल्याणकवचकायाकल्पकलशकाव्यकासगजगणग्रामगृहचन्द्रचन्दनक्षणछन्दअलंकारसरोवरपरिमाणपरिमार्जनसंस्करणसंशोधनपरिवर्तनपरिशोधपरिशीलनप्राणदान,

वचनमर्मयवनरविवारसोमवारमार्गराजयोगरूपरूपकस्वदेशराष्टप्रान्तनगरदेशसर्पसागरसाधनसारतत्त्वस्वर्गदण्डदोषधननियमपक्षपृष्टविधेयकविनिमयविनियोगविभागविभाजनविऱोधविवादवाणिज्यशासनप्रवेशअनुच्छेदशिविरवादअवमानअनुमानआकलननिमन्त्रणनियंत्रणआमंत्रण,उद्भवनिबन्धनाटकस्वास्थ्यनिगमन्यायसमाजविघटनविसर्जनविवाहव्याख्यानधर्मउपकरणआक्रमणश्रम,बहुमतनिर्माणसन्देशज्ञापकआभारआवासछात्रावासअपराधप्रभावलोकविरामविक्रमन्यायसंघसंकल्प इत्यादि।

तत्सम स्त्रीलिंग शब्द

दयामायाकृपालज्जाक्षमाशोभासभाप्रार्थनावेदनासमवेदनाप्रस्तावनारचनाघटनाअवस्थानम्रतासुन्दरताप्रभुताजड़तामहिमागरिमाकालिमालालिमाईष्र्याभाषाअभिलाषाआशानिराशापूर्णिमाअरुणिमाकायाकलाचपलाइच्छाअनुज्ञाआज्ञाआराधनाउपासनायाचनारक्षासंहिताआजीविकाघोषणापरीक्षागवेषणानगरपालिकानागरिकतायोग्यतासीमास्थापनासंस्थासहायता,मान्यताव्याख्याशिक्षासमतासम्पदासंविदासूचनासेवासेनाविज्ञप्तिअनुमतिअभियुक्तिअभिव्यक्तिउपलब्धिविधिक्षति,

पूर्तिविकृतिजातिनिधिसिद्धिसमितिनियुक्तिनिवृत्तिरीतिशक्तिप्रतिकृतिकृतिप्रतिभूतिप्रतिलिपिअनुभूतियुक्तिधृतिहानिस्थितिपरिस्थितिविमतिवृत्तिआवृत्तिशान्तिसन्धिसमितिसम्पत्तिसुसंगतिकटिछविरुचिअग्निकेलिनदीनारीमण्डलीलक्ष्मीशताब्दीश्रीकुण्डलीकुण्डलिनीकौमुदीगोष्ठीधात्रीमृत्युआयुवस्तुरज्जुरेणुवायु इत्यादि।

तद्भव (हिन्दीशब्दों का लिंगनिर्णय

तद्भव शब्दों के लिंगनिर्णय में अधिक कठिनाई होती है। तद्भव शब्दों का लिंगभेदवह भी अप्राणिवाचक शब्दों काकैसे किया जाय और इसके सामान्य नियम क्या होंइसके बारे में विद्वानों में मतभेद है। पण्डित कामताप्रसाद गुरु ने हिन्दी के तद्भव शब्दों को परखने के लिए पुंलिंग के तीन और स्त्रीलिंग के दस नियमों का उल्लेख अपने हिन्दी व्याकरण में किया है वे नियम इस प्रकार है-

तद्भव पुंलिंग शब्द

(ऊनवाचक संज्ञाओं को छोड़ शेष आकारान्त संज्ञाएँ। जैसेकपड़ागत्रापैसापहियाआटाचमड़ाइत्यादि। 

(जिन भाववाचक संज्ञाओं के अन्त में नाआवपनवापाहोता है। जैसेआनागानाबहावचढावबड़प्पनबढ़ावाबुढ़ापा इत्यादि। 

(कृदन्त की आनान्त संज्ञाएँ। जैसेलगानमिलानखानपाननहानउठान इत्यादि। 

अपवादउड़ानचट्टान इत्यादि।

तद्भव स्त्रीलिंग शब्द

(ईकारान्त संज्ञाएँ। जैसेनदीचिट्ठीरोटीटोपीउदासी इत्यादि। 

अपवादघीजी मोतीदही इत्यादि। 

(ऊनवाचक याकारान्त संज्ञाए। जैसेगुड़ियाखटियाटिबियापुड़ियाठिलिया इत्यादि। 

(तकारान्त संज्ञाएँ। जैसेरातबातलातछतभीतपत इत्यादि। 

अपवादभातखेतसूतगातदाँत इत्यादि। 

(उकारान्त संज्ञाएँ। जैसेबालूलूदारूब्यालूझाड़ू इत्यादि। 

अपवादआँसूआलूरतालूटेसू इत्यादि। 

(अनुस्वारान्त संज्ञाएँ। जैसेसरसोंखड़ाऊँभौंचूँजूँ इत्यादि। 

अपवादगेहूँ। 

(सकारान्त संज्ञाएँ। जैसेप्यासमिठासनिदासरास (लगाम), बाँससाँस इत्यादि। 

अपवादनिकासकाँसरास (नृत्य

(कृदन्त नकारान्त संज्ञाएँजिनका उपान्त्य वर्ण अकारान्त हो अथवा जिनकी धातु नकारान्त हो। जैसेरहनसूजनजलनउलझनपहचान इत्यादि। 

अपवादचलन आदि। 

(कृदन्त की अकारान्त संज्ञाएँ। जैसेलूटमार,समझदौड़सँभालरगड़चमकछापपुकारइत्यादि। 

अपवादनाचमेलबिगाड़बोलउतार इत्यादि। 

(जिन भाववाचक संज्ञाओं के अन्त में वटहटहोता है। जैसेसजावटघबराहटचिकनाहटआहटझंझट इत्यादि। 

(जिन संज्ञाओं के अन्त में 'होता है। जैसेईखभूखराखचीखकाँखकोखसाखदेखरेख इत्यादि। 

अपवादपंखरूख।

अर्थ के अनुसार लिंग-निर्णय

कुछ लोग अप्राणिवाचक शब्दों का लिंगभेद अर्थ के अनुसार करते है। पं० कामताप्रसाद गुरु ने इस आधार और दृष्टिकोण को 'अव्यापक और अपूर्णकहा हैक्योंकि इसके जितने उदाहरण हैप्रायः उतने ही अपवाद हैं। इसके अलावाइसके जो थोड़े-से नियम बने हैंउनमें सभी तरह के शब्द सम्मिलित नहीं होते। गुरुजी ने इस सम्बन्ध में जो नियम और उदाहरण दिये हैउनमें भी अपवादों की भरमार है। उन्होंने जो भी नियम दिये हैवे बड़े जटिल और अव्यवहारिक है।

यहाँ इन नियमों का उल्लेख किया जा रहा है-

(अप्राणिवाचक पुंलिंग हिन्दी शब्द

(i) शरीर के अवयवों के नाम पुंलिंग होते है। जैसेकानमुँहदाँतओठपाँवहाथगालमस्तकतालुबालअँगूठामुक्कानाख़ूननथनागट्टा इत्यादि। 

अपवादकोहनीकलाईनाकआँखजीभठोड़ीखालबाँहनसहड्डीइन्द्रियकाँख इत्यादि। 

(ii) रत्नों के नाम पुंलिंग होते है। जैसेमोतीमाणिकपत्राहीराजवाहरमूँगानीलमपुखराजलाल इत्यादि। 

अपवादमणिचुत्रीलाड़ली इत्यादि। 

(iii) धातुओं के नाम पुंलिंग होते है। जैसेताँबालोहासोनासीसाकाँसाराँगापीतलरूपाटीन इत्यादि। 

अपवादचाँदी। 

(iv) अनाज के नाम पुंलिंग होते है। जैसेजौगेहूँचावलबाजराचनामटरतिल इत्यादि। 

अपवादमकईजुआरमूँगखेसारी इत्यादि। 

(v) पेड़ों के नाम पुंलिंग होते है। जैसेपीपलबड़देवदारुचीड़आमशीशमसागौनकटहलअमरूदशरीफानीबूअशोक तमालसेबअखरोट इत्यादि। 

अपवाद-लीचीनाशपातीनारंगीखिरनी इत्यादि। 

(vi) द्रव्य पदार्थों के नाम पुंलिंग होते हैं। जैसेपानीघीतेलअर्कशर्बतइत्रसिरकाआसवकाढ़ारायता इत्यादि। 

अपवादचायस्याहीशराब। 

(vii) भौगोलिक जल और स्थल आदि अंशों के नाम प्रायः पुंलिंग होते है। जैसेदेशनगररेगिस्तानद्वीपपर्वतसमुद्रसरोवरपातालवायुमण्डलनभोमण्डलप्रान्त इत्यादि। 

अपवादपृथ्वीझीलघाटी इत्यादि।

(अप्राणिवाचक स्त्रीलिंग हिन्दी-शब्द

(i) नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते है। जैसेगंगायमुनामहानदीगोदावरीसतलजरावीव्यासझेलम इत्यादि। 

अपवादशोणसिन्धुब्रह्यपुत्र नद हैअतः पुंलिंग है। 

(ii) नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते है। जैसेभरणीअश्र्विनीरोहिणी इत्यादि। 

अपवादअभिजितपुष्य आदि। 

(iii) बनिये की दुकान की चीजें स्त्रीलिंग है। जैसेलौंगइलायचीमिर्चदालचीनीचिरौंजीहल्दीजावित्रीसुपारीहींग इत्यादि। 

अपवादधनियाजीरागर्म मसालानमकतेजपत्ताकेसरकपूर इत्यादि। 

(iv) खाने-पीने की चीजें स्त्रीलिंग है। जैसेकचौड़ीपूरीखीरदालपकौड़ीरोटीचपातीतरकारीसब्जीखिचड़ी इत्यादि। 

अपवादपराठाहलुआभातदहीरायता इत्यादि।

प्रत्ययों के आधार पर तद्भव हिन्दी शब्दों का लिंग-निर्णय

हिन्दी के कृदन्त और तद्धित-प्रत्ययों में स्त्रीलिंग-पुंलिंग बनानेवाले अलग-अलग प्रत्यय इस प्रकार है-

स्त्रीलिंग कृदन्त-प्रत्ययअन्त,आईआनआवटआसआहटऔतीआवनीकीतीनी इत्यादि। हिन्दी कृदन्त-प्रत्यय जिन धातु-शब्दों में लगे होते हैवे स्त्रीलिंग होते है। जैसेलूटचमकदेनभिड़न्तलड़ाईलिखावटप्यासघबराहटहँसीमनौतीछावनीबैठकफुटकीबचतगिनतीकरनीभरनी।

द्रष्टव्यइन स्त्रीलिंग कृदन्त-प्रत्ययों में और  प्रत्यय कहीं-कहीं पुंलिंग में भी आते है और कभी-कभी इनसे बने शब्द उभयलिंग भी होते है। जैसे- 'सीवन' (''-प्रत्ययान्तक्षेत्रभेद से दोनों लिंगों में चलता है। शोष सभी प्रत्यय स्त्रीलिंग है।

पुंलिंग कृदन्त-प्रत्ययअक्कड़आऊआकआकूआपआपाआवआवनाआवाइयलइयाएराऐयाऐतऔताऔनाऔवलकावालावैयासारहा इत्यादि हिन्दी कृदन्त-प्रत्यय जिन धातु-शब्दों में लगे हैवे पुंलिंग होते है। जैसेपियक्कड़घेरातैराकलड़ाकूमिलापपुजापाघुमावछलावालुटेराकटैयालड़ैतसमझौताखिलौनाबुझौवलघालकछिलकाखान-पानखानेवालागवैया।

द्रष्टव्य- (i)  और  कृदन्त-प्रत्यय उभयलिंग हैं। इन दो प्रत्ययों और स्त्रीलिंग प्रत्ययों को छोड़ शेष सभी पुंलिंग हैं। (ii)'सारउर्दू का कृदन्तप्रत्यय हैजो हिन्दी में फारसी से आया है मगर काफी प्रयुक्त है।

स्त्रीलिंग तद्धित-प्रत्ययआईआवटआसआहटइनएलीऔड़ीऔटीऔतीकीटीड़ीतीनीरीली इत्यादि। हिन्दी तद्धित-प्रत्यय जिन शब्दों में लगे होते हैवे स्त्रीलिंग होते है। जैसेभलाईजमावटहथेलीटिकलीचमड़ी।

पुंलिंग तद्धित-प्रत्ययआऊआकाआटाआनाआरइयलआलआड़ीआराआलूआसाईलाउआएराएड़ीऐतएलाऐलाओटाओटऔड़ाओलाकाजाटाड़ातापनापनपालावन्तवानवालावाँवासरासोंहरहराहाहाराइत्यादि। हिन्दी तद्धित प्रत्यय जिन शब्दों में लगे होते है वे शब्द पुंलिंग होते है। जैसेधमाकाखर्राटापैतानाभिखारीहत्यारामुँहासामछुआसँपेराडकैतअधेलाचमोटालँगोटाहथौड़ाचुपकादुखड़ारायताकालापनबुढ़ापागाड़ीवानटोपीवालाछठादूसराखण्डहरपीहरइकहराचुड़िहारा।

द्रष्टव्य- (i) इयाएरएल तद्धित प्रत्यय उभयलिंग हैं। जैसे-

प्रत्यय   पद      तद्धित पद

इया        मुख       मुखिया (पुंलिंग)

खाट                     खटिया (ऊनवाचक)(स्त्रीलिंग)

         डोर        डोरी(स्त्रीलिंग)

एर         मूँड़        मुँड़ेर (स्त्रीलिंग)

अंध        अँधेर (पुंलिंग)

एल        फूल       फुलेल (पुंलिंग)

नाक       नकेल (स्त्रीलिंग)

           पंच        पंचक (पुंलिंग)

ठण्ड       ठण्डक (स्त्रीलिंग)

(ii) विशेषण अपने विशेष्य के लिंग के अनुसार होता है। जैसे- 'तद्धित-प्रत्यय संज्ञा-शब्दों में लगने पर उन्हें स्त्रीलिंग कर देता हैमगर विशेषण में- 'घाव+=घायल'- अपने विशेष्य के अनुसार होगाअर्थात विशेष्य स्त्रीलिंग हुआ तो 'घायलस्त्रीलिंग और पुंलिंग हुआ तो पुंलिंग।

(iii) 'तद्धित प्रत्यय स्त्रीलिंग हैकिन्तु संख्यावाचक के आगे लगने पर उसे पुंलिंग कर देता है। जैसेचौकपंचक (पुंलिंगऔर ठण्डकधमक (स्त्रीलिंग) 'आनप्रत्यय भाववाचक होने पर शब्द को स्त्रीलिंग करता हैकिन्तु विशेषण में विशेष्य के अनुसार। जैसेलम्बा+आन=लम्बान (स्त्रीलिंग)

(iv) अधिकतर भाववाचक और उनवाचक प्रत्यय स्त्रीलिंग होते है।

उर्दू शब्दों का लिंग-निर्णय

उर्दू से होते हुए हिन्दी में अरबी-फारसी के बहुत से शब्द आये हैजिनका व्यवहार हम प्रतिदिन करते है। इन शब्दों का लिंगभेद निम्नलिखित नियमों के अनुसार किया जाता है-

पुंलिंग उर्दू शब्द

(i) जिनके अन्त में 'आबहोवे पुंलिंग है। जैसेगुलाबजुलाबहिसाबजवाबकबाब। 

अपवादशराबमिहराबकिताबताबकिमखाब इत्यादि।

(ii) जिनके अन्त में 'आरया 'आनलगा हो। जैसेबाजारइकरारइश्तिहारइनकारअहसानमकानसामानइम्तहान इत्यादि। 

अपवाददूकानसरकारतकरार इत्यादि।

(iii) आकारान्त शब्द पुंलिंग है ; जैसेपरदागुस्साकिस्सारास्ताचश्मातमगा। 

(मूलतः ये शब्द विसर्गात्मक हकारान्त उच्चारण के हैं। जैसेपरद:, तम्ग किन्तु हिन्दी में ये 'परदा', 'तमगाके रूप में आकारान्त ही उच्चरित होते है। 

अपवाददफा।

स्त्रीलिंग उर्दू शब्द

(i) ईकारान्त भाववाचक संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती है। जैसेगरीबीगरमीसरदीबीमारीचालाकीतैयारीनवाबी इत्यादि। 

(ii) शकारान्त संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती है। जैसेनालिशकोशिशलाशतलाशवारिशमालिश इत्यादि। 

अपवादताशहोश आदि।

(iii) तकारन्त संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती है। जैसेदौलतकसरतअदालतइजाजतकीमतमुलाकात इत्यादि। 

अपवादशरबतदस्तखतबन्दोबस्तवक्ततख्तदरख्त इत्यादि।

(iv) आकारान्त संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती है। जैसेहवादवासजादुनियादगा इत्यादि। 

अपवादमजा इत्यादि। 

(v) हकारान्त संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती हैं। जैसेसुबहतरहराहआहसलाहसुलह इत्यादि।

(vi) 'तफईलके वजन की संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती है। जैसेतसवीरतामीलजागीरतहसील इत्यादि।

अँगरेजी शब्दों का लिंगनिर्णय

विदेशी शब्दों में उर्दू (फारसी और अरबी)- शब्दों के बाद अँगरेजी शब्दों का प्रयोग भी हिन्दी में कम नहीं होता। जहाँ तक अँगरेजी शब्दों के लिंग-निर्णय का पश्र हैमेरी समझ से इसमें कोई विशेष कठिनाई नहीं हैक्योंकि हिन्दी में अधिकतर अँगरेजी शब्दों का प्रयोग पुंलिंग में होता है। इस निष्कर्ष की पुष्टि नीचे दी गयी शब्दसूची से हो जाती है। अतः इन शब्दों के तथाकथित 'मनमाने प्रयोगबहुत अधिक नहीं हुए है। मेरा मत है कि इन शब्दों के लिंगनिर्णय में रूप के आधार पर अकारान्तआकारान्तऔर ओकारान्त को पुंलिंग और ईकारान्त को स्त्रीलिंग समझना चाहिए।

फिर भीइसके कुछ अपवाद तो हैं ही। अँगरेजी के 'पुलिस' (Police) शब्द के स्त्रीलिंग होने पर प्रायः आपत्ति की जाती है। मेरा विचार है कि यह शब्द  तो पुंलिंग है स्त्रीलिंग। सच तो यह है कि 'फ्रेण्ड' (Friend) की तरह उभयलिंग है। अब तो स्त्री भी 'पुलिसहोने लगी है। ऐसी अवस्था में जहाँ पुरुष पुलिस का काम करता होवहाँ 'पुलिसपुंलिंग में और जहाँ स्त्री पुलिस का काम करेगीवहाँ उसका व्यवहार स्त्रीलिंग में होना चाहिए। हिन्दी में ऐसे शब्दों की कमी नहीं हैजिनका प्रयोग दोनों लिंगों में अर्थभेद के कारण होता है। जैसेटीकाहारपीठ इत्यादि। ऐसे शब्दों की सूची आगे दी गयी है।

लिंगनिर्णय के साथ हिन्दी में प्रयुक्त होनेवाले अँगरेजी शब्दों की सूची निम्नलिखित है-

अँगरेजी के पुंलिंग शब्द

अकारान्तऑर्डरआयलऑपरेशनइंजिनइंजीनियरइंजेक्शनएडमिशनएक्सप्रेसएक्सरेओवरटाइमक्लासकमीशनकोटकोर्टकैलेण्डरकॉंलेजकैरेमकॉलरकॉलबेलकाउण्टरकारपोरेशनकार्बनकण्टरकेसक्लिनिकक्लिपकार्डक्रिकेटगैसगजटग्लासचेनचॉकलेटचार्टरटॉर्चटायरट्यूबटाउनहालटेलिफोनटाइमटाइमटेबुलटी-कपटेलिग्रामट्रैक्टरटेण्डरटैक्सटूथपाउडरटिकटडिवीजनडान्सड्राइंग-रूमनोटनम्बरनेकलेसथर्मसपार्कपोस्टपोस्टरपेनपासपोर्टपेटीकोटपाउडरपेंशनप्रोमोशनप्रोविडेण्ट फण्ड,पेपरप्रेसप्लास्टरप्लगप्लेटपार्सलप्लैटफार्मफुटपाथफुटबॉलफार्मफ्रॉकफर्मफैनफ्रेमफुलपैण्टफ्लोरफैशनबोर्डबैडमिण्टनबॉर्डरबाथरूमबुशशर्टबॉक्सबिलबोनसबजटबॉण्डबोल्डरब्रशब्रेकबैंकबल्बबममैचमेलमीटरमनिआर्डररोडरॉकेटरबररूलराशनरिवेटरिकार्डरिबनलैम्पलेजरलाइसेन्सवाउचरवार्डस्टोरस्टेशनरस्कूलस्टोवस्टेजस्लीपरस्टेलस्विचसिगनलसैलूनहॉलहॉंस्पिटलहेयरहैण्डिललाइटलेक्चरलेटर।

अँगरेजी के स्त्रीलिंग शब्द

ईकारान्तएसेम्बलीकम्पनीकेतलीकॉपीगैलरीडायरीडिग्रीटाईट्रेजेडीट्रेजरीम्युनिसिपैलिटीयुनिवर्सिटीपार्टीलैबोरेटरी।

लिंग-निर्णय के सामान्य नियम

(जिन शब्दों के अंत में त्वनाआटाआवआवाऔरापन इत्यादि (कृदंत-तद्धितप्रत्यय लगते होंवे पुंलिंग होते है-

प्रत्यय पुंलिंग शब्द

त्व महत्त्व

ना पढ़नादिखाना

र्य शौर्यवीर्यमाधुर्य

 घेराफेरातोड़ाजोड़ाफोड़ा

आटा सन्नाटाखर्राटा

आपा पुजापाबुढ़ापा

आव जमावघुमावफैलावबचावबहाव

आवा बुलावाचढ़ावादिखावाभुलावापहनावा

औड़ा हथौड़ापकौड़ा

त्र चित्रमित्र

पन बचपनछुटपनपागलपनबड़प्पन

(जिन शब्दों के अंत में आईआवटआसआहटइयानीरीली इत्यादि प्रत्यय लगते होंवे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-

प्रत्यय स्त्रीलिंग शब्द

आई महँगाईभलाईबुराईढिलाईचिकनाईसिलाईधुनाईरुलाई

आवट रुकावटमिलावटगिरावट

आस प्यास (पिआस), मिठास

आहट घबराहटबुलाहट

इया डिबियाटिकिया

 हँसीगरीबीअमीरीगुलामीरस्सीटोपीगोटीजूती

 रंगतचाहतहजामत

नी घिरनीचलनीचटनीखैनी

री कोठरीगठरीछतरी

ली टिकलीडफली

(संस्कृत (तत्समके अकारांत शब्द पुलिंग और आकारांत स्त्रीलिंग होते हैं। ऊपर उदाहरण दिये गये हैं।

जैसेजलस्वर्णलाभस्तंभ (पुलिंग), भिक्षाशिक्षानिन्द्रासंध्यापरीक्षालज्जा (स्त्रीलिंग)

(तद्धव (हिंदीके लिंग प्रायः तत्सम (संस्कृतके लिंग के अनुसार होते हैं। जैसे-

अकारांत तत्सम लिंग हिंदी तद्धव अकारांत तत्सम लिंग    हिंदी तद्धव

आश्र्चर्य     पुलिंग अचरज     गोधूम      पुलिंग     गेहूँ

काष्ठ        पुलिंग काठ        दुग्ध        पुलिंग     दूध

स्नान      पुलिंग नहान       वंध्या      स्त्रीलिंग  बाँझ

स्तंभ        पुलिंग खंभाखंभ    संध्या       स्त्रीलिंग  साँझ

कटाह        पुलिंग कड़ाह         नासिका     स्त्रीलिंग  नाक

चत्वर       पुलिंग चबूतरा       निन्द्रा       स्त्रीलिंग  नींद

स्वर्ण        पुलिंग सोना       परीक्षा       स्त्रीलिंग  परख

जीव       पुलिंग जी        हरिद्रा       स्त्रीलिंग  हरदी

कर्पट       पुलिंग कपड़ा       भिक्षा       स्त्रीलिंग  भीख

पर्यक       पुलिंग पलंग       शय्या       स्त्रीलिंग  सेज

आम्र        पुलिंग आम       शिक्षा      स्त्रीलिंग  सीख

पौत्र        पुलिंग पोता        लौह        स्त्रीलिंग  लोहा

(हिंदी की द्रव्यवाचक संज्ञाएँ पुलिंग होती हैं। जैसेलोहाचूनामोतीदहीघीतेलसोना इत्यादि। अपवादचाँदी स्त्रीलिंग है।

(लिंग-निर्णय का सबसे सरल नियम यह है कि जिस अकारांत शब्द का लिंग जानना होउसका कर्ता में बहुवचन-रूप बनाकर देखा जाय। यदि बहुवचन में एकारांतता के साथ अनुनासिकता है (अर्थात अंतिम स्वर पर चंद्रबिंदु या अनुस्वार लगता होतो वह स्त्रीलिंग है। यदि अप्रत्यय एकवचन-रूप और बहुवचन-रूप में कोई अंतर नहीं है तो वह शब्द पुलिंग हैअर्थात यदि बहुवचन में एकार के साथ अनुनासिकता नहीं हैतो वह शब्द पुलिंग है। जैसे-

राम के चार भवन हैं (पुलिंग)

राम के वचन सुने (पुलिंग)

श्याम के चार पुत्र है। (पुलिंग)

ये चार इमारतें राम की हैं (स्त्रीलिंग)

राम की बातें हुई। (स्त्रीलिंग)

मैंने कोशिशें की (स्त्रीलिंग)

लिंगकोश

(पुलिंग शब्द)(Masculine)

अरमानअनारअदरखअपराधअनाजअनुसारअनुसरणअबरबअबीरअन्वयअमृतअपरिग्रहअपहरणअनुदानअनुमोदनअनुसन्धानअपयशअक्षतअणुअकालअक्षरअनुच्छेदअखरोट।

आलस्यआचारआईनाआचरणआखेटआभारआलूआवेशआविर्भावआश्रमआश्र्वासनआसनआषाढ़आस्वादनआहारआसवआशीर्वादआकाशआयोगआटाआमंत्रणआक्रमणआरोपआयातआयोजनआरोपणआलोकआवागमनआविष्कार।

अंअँआँअंधड़अंगूरअंकअंबारअंकुशअंगारअंतरिक्षअंतर्धानअंतस्तलअंबुजअंशअंजनअंचलअंकनअंगुलअंकगणितअंतःपुरअंतःकरणअँधेराअंधेरअंबरअंशुआँसू।

ओठओलओलाऔजारऔसत।

इजलासइन्द्रासनइकताराइलाकाइजहारइनामइलाजइस्तीफाइस्पातइस्तेमालइन्तजारइन्साफइलजामइत्रईंधन।

उद्धारउतारउपवासउफानउबटनउबालउलटफेरउपादानउपकरणउत्पादनउत्कर्षउच्छेदनउत्तरदायित्वउत्तरीयउत्तापउत्साहउत्सर्गउदयउद्गारउद्घाटनउद्धरणउद्यमउन्मादउन्मूलनउपकारउपक्रमउपग्रहउपचारउपनयनउपसर्गउपहासउपाख्यानउपालंभउल्लंघनउल्लासउल्लूउल्लेखऊखऊनऊखलऊधम।

कण्ठकपूरकर्मकम्बलकलंककपाटकछारकटहलकफनकटोराकड़ाहकलहकक्षकच्छाकछुआकटिबन्धकदम्बकनस्तरकफकबाबकब्जकरकटकरतलकर्णफूलकरारकरेलाकलापकलेवरकल्पकल्याणकल्लोलकवच।

काकागकाजलकाठकार्तिककाँच (शीशा), काननकार्यकायाकल्प।

किकीकित्ररकिमामकिसलयकीर्तनकीचड़।

कुकूकुँआकुटीरकुतूहलकुमुदकुलकुहासाकुशलकुष्टकूड़ा।

केकोकौकेवड़ाकेंकड़ाकेरावकेशरकेशकोटरकोल्हूकोढ़कोदोकीपकोष(), कोहनूरकोष्ठकोटकौतूहलकौरकौआ,कौशल।

खँडहरखजूरखटकाखटमलखपड़ाखरगोशखरबूजाखराद (यन्त्र), खर्राटाखलिहानखाँचाखाकाखान(पठान), खान-पानखारखिंचावखीर-मोहनखीराखुमारखुदराखुरखुलासाखूँट(छोर), खूँटाखेमाखेलखेलवाड़खोंचाखोआ।

गंजागन्धकगन्धराजगगनगजगजटगजबगठबन्धनगढ़गदरगद्यगबनगमनगरुड़गर्जनगर्वगर्भाशयगलसुआगलियारागलीचागशगाँजागार्हस्थ्यगिरजागिरगिटगड्ढागुणगानगोदामगुनाहगुंजारगुलाबगुलामगिलागूदागोंदगेंदगोत्रगोधनगोलोकगौरवग्रहग्रीष्मग्रहणग्रासगिलाफगिद्ध।

घटघटाटोपघटावघड़ाघड़ियालघनघरानाघपलाघर्षणघाघराघाघघाटाघात (चोट), घावघीघुँघरूघुटनाघुनघुमावघूँघटघूँटघृतघेघाघोंघाघोटालाघोल।

चंगुलचण्डमुण्डचन्दनचन्द्रमाचन्दनहारचन्द्रबिन्दुचन्द्रहारचन्द्रोदयचकमाचकलाचकवाचकोरचक्कर, चक्रचक्रव्यूहचटावनचढावचढ़ावाचप्पलचमगादड़चमत्कारचमरचम्मचचम्पकचयनचर्खाचरागाहचर्सचलचित्रचलनचालानचषकचाँटाचाँदचाकचातकचातुर्यचाप (धनुष), चाबुकचामचरणचाकूचावचिन्तनचित्रकूटचित्रपटचिरकुटचिरागचीताचीत्कारचीरचीलरचुम्बकचुम्बनचुनावचुल्लूचैनचोकरचौकचौपाल।

छन्दछछूँदरछज्जाछटपटछत्ताछत्रछप्परछलछन्दछाजनछारछिद्रछिपावछींटाछेदछोआछोर।

जख्मजमघटजहाजजंजालजन्तुजड़ावजत्थाजनपदजनवासाजपजमावजलधरजलपथजलपानजाँताजाकड़जामजापजासूसजिक्रजिगरजिनजिहादजीजीराजीवज्वारभाटाजुआजुकामजुर्मजुलाबजुल्मजुलूसजूड़ाजेठजेलजौजैतूनजोशज्वर।

झंझाझंझावातझकझोरझकोरझाड़ (झाड़ी), झंखाड़झाल (बाजा), झींगुरझुण्डझुकावझुरमुटझूमर।

टण्टाटमटमटकुआटाटटापूटिकटटिकावटिफिनटीनटमाटरटैक्स।

डंकडंडडण्डाडब्बाडमरूडरडीहडोलडेरा।

ढक्कनढेलाढाँचाढोंगढाढसढंगढोलढकनाढिंढोराढोंगढेर।

तम्बाकूतम्बूरातकियातनतनावतपतबलातमंचातरकशतरबूजतराजूतलताण्डवताजतारतालातालाबताशत्रिफलातिलतिलकतिलकुटतीतरतीरतीर्थतेजाबतेलतेवरतोड़-जोड़तोड़-फोड़तौलतौलियात्रासतख्तातंत्र।

थनथप्पड़थलथूकथोकथानाथैला।

दंडदबावदर्जादर्शनदरबारदहेजदाँतदागदामदहीदिनदिमागदिलदीपकदीयादुःखदुशालादूधदृश्यदेहातदेशद्वारद्वीपदर्ददुखड़ादुपट्टादंशदफादालानदलालदानवदायदासदिखायादिमागदिलदीपकदुलारदुशालादूधदृश्यदैत्यदोषदौरानद्वारद्वीपद्वेषदफ्तर।

धन्धाधक्काधड़धनधनुषधर्मधानधामधैर्यध्यानधनियाधुआँ।

नकदनक्षत्रनगननिहालनभनगरनमकनसीबनरकनलनाख़ूननिबाहनियमनिर्झरनिगमनिवासनिवेदननिशाननिष्कर्षनीबूनीरनीलमनीलामनृत्यनेत्रनैवेद्यन्यायनमस्कारनक्शानगीनानशान्योता।

-पंक्षीपकवानपक्षपक्षीपत्रपड़ोसपतंगपनघटपतलूनपतनपत्थरपदपदार्थपनीरपपीहापर्दापरमाणुपरलोकपरागपरिचयपरिणामपरिवर्तनपरिवारपर्वपल्लवपहरपहियापाखण्डपाचनपातालपापड़पालापिल्लूपीताम्बरपीपलपुआलपुराणपुरस्कारपुलपुलकपुस्तकालयपूर्वपोतपोलपोषणपाजामाप्याजप्रकोपप्रयोगप्रतिफलप्रतिबन्धप्रत्ययप्रदेशप्रभावप्रलयप्रसारप्रातःप्रारम्भपैसाप्राणपेटपौधाप्यारपहरापानी।

फर्कफर्जफर्शफलफसादफाटकफलफूलफेनफेफड़ाफेरफेराफतिंगा।

बण्डलबन्दरगाहबखानबबूलबचपनबचावबड़प्पनबरतनबरतावबलबलात्कारबहावबहिष्कारबाँधबाँसबागबाजबाजाबाजारबादामबेलनबेलाबेसनबोझबोलबैरबगीचाबादलबुढ़ापाबटनबिलबुखारबीजबिछावनबेंतबदला।

भण्डाफोड़भँवरभजनभवनभत्ताभरणभस्मभाग्यभालभावभाषणभिनसारभुजंगभुलावाभूकम्पभेदभावभेड़ियाभोजभोरभरोसा।

मंचमंजनमण्डनमजामटरमसूरमतलबमद्यमच्छरमनसूबामनोवेगमरहममरोड़मवेशीमलयमलालमहुआमाघमाजरामिजाजमीलमुकदमामुरब्बामुकुटमूँगामृगमेघमेवामोक्षमोतीमोतीचूरमोममोरमोहमौनम्यानमुरब्बामक्खन।

यन्त्रयति (संन्यासी), यमयशयातायात।

रक्तरबररमणरहस्यरागरासोरूपारेतरोगरोमांचरिवाजरूमाल 

लंगरलक्ष्यलगानलगावलटकनलाघवलालचलिहाजलेखलेपलोपलोभलेनदेन।

वजनवज्रवनवनवासवरवसन्तवारविकल्पविक्रयविघटनविमर्शविलासविषविवादविसर्जनविस्फोटविहारवैष्णवव्यंजनव्ययव्याख्यानव्याजव्यासव्यूह।

शंखशकशनिशरशवशरबतशहदशापशिखरशीर्षशीलशुक्रशून्यशोकश्रमश्र्वास।

संकटसंकेतसंकोचसंखियासंगठनसंगमसंचारसंयोगसन्दूकसंन्याससम्पर्कसम्बन्धसंविधानसतूसफरसमीरसरसरोवरसहनसहयोगसहारासागसाधनसायासारसिंगारसिन्दूरसियारसिरसिल्कसींगसुमनसुरागसूअरसूतसूत्रसूनासूदसूपसेतुसेबसेवनसोचसोनसोनासोफासोमसोहर (गीत), सौभाग्यसौरभस्तरस्थलस्पर्शस्वरूपस्वर्गसवर्णस्वाद।

हंसहकहमलाहरणहरिणहलहवालाहार (माला), हाल (समाचारदशा), हास्यहितहिल्लोलहीराहेरफेरहैजाहोंठहोशह्रास।

स्त्रीलिंग शब्द (Feminine)

अँगड़ाईअँतड़ीअकड़अक्लअदालतअनबनअप्सराअफवाहअपेक्षाअपीलअहिंसाअरहरअवस्था।

आँचआँतआगआजीविकाआज्ञाआत्माआत्महत्याआदतआनआपदाआफतआमदआयआयुआराधना,आवाजआस्तीनआहआहटआशिषआँख।

इंचइन्द्रियइच्छाइजाजतइज्जतइमारतइलाईटईदईखईर्ष्या।

उड़ानउथल-पुथलउपासनाउपेक्षाउमंगउम्रउर्दू (भाषा), उलझनउषाऊब।

एकताऐंठऐंठनऐनक।

ओटओसऔलाद।

कक्षाकटुताकड़ककतारकथाकदरकन्याकमरकमाईकमानकमीजकरवटकरुणाकसककसमकसरतकपासकसौटीकस्तूरीकाँगरेसकाश्तकरतूतकिस्मतकिशमिशक़िस्त (ऋण चुकाने का भाग), कीमतकीलकुंजीकुटियाकुशल(कुशलता), कुल्हाड़ीकूककृपाकैदकोखकोयलक्रियाक्रीड़ाक्षमा।

खटपटखटासखटियाखड़कखडांऊँखनकखपतखबरखरीदखींचखरोंचखाँड़खाईखाजखाटखातिरखादखालखान (खनि), खिजाँखिदमतखोचखीझखीरखीलखुदाईखुरमाखुशामदखैरातखोटखोह।

गंगागन्धगजलगटपटगठियागड़बड़गणनागतिगदागनीमतगफलतगरजगर्दनगरिमागर्दगर्दिशगाँठगाजरगाज (बिजली), गागरगाथागादगिटपिटगिरफ्तगिरहगिलहरीगीतागीतिकागुंजाइशगुड़ियागुड्डीगुफागुरुतागेरूगुलेलगूजगैलगैसगोटगोदगोपिकागौ।

घटाघटिकाघासघिनघुड़दौड़घुड़सालघूसघृणाघोषणा।

चमेलीचकईचटक (चमक-दमक), चट्टानचपतचपलाचर्चाचमकचहकचहल-पहलचाँदीचाँपचाटचादरचारपाईचालचाहचाहतचालढालचिकित्साचिटचिमनीचिलकचिल्लाहटचिढचिताचिन्ताचित्रकलाचिनकचिनगारीचिप्पीचिलमचीलचीखचींटीचीनीचुटियाचुड़ैलचुनरीचुनौतीचुहलचुहियाचूकचें-चेंचेचकचेतनाचेष्टाचोंचचोटचौपड़चौखट।

छटाछतछमछमछलाँगछविछाँहछाछछानबीनछापछायाछालछींकछींटछीछालेदरछूटछूतछेनीछुआछूत।

जंगजंजीरजँभाईजगहजटाजड़जनताजमातजलवायुजमानतजमावटजमीनजलनजयजराजरूरतजाँचजाँघजागीरजानजायदादजिज्ञासाजिदजिरहजिल्दजिल्लतजिह्नाजीतजीभजूँजूठनजेबजेवनारजोंकजोतज्वाला।

झंकारझंझटझखझिझकझड़पझनकारझपकझपटझपासझरझरझकझकझलमलझाड़फूंकझाड़(झाड़ने की क्रिया), झाड़झाँझझाँझरझाँपझाड़नझाल, (तितास), झालरझिड़कझीलझूम।

टकसालटक्करटपकटहलटाँकटाँगटाँय-टाँयटापटाल-मटोलटिकियाटिप-टिपटिप्पणीटीकटीपटापटीमटामटीसटूटटेंटटेंटेटेकटेरटोहटोकट्रेन।

ठण्डकठक-ठकठनकठमकठिठकठिलियाठूँठठेकठोकरठेस।

डगडगरडपटडाकडाटडाँकडालडींगडीठडोरडिबिया।

ढोलक।

तन्द्रातकरीरतकदीरतकरारतड़क-भड़कतड़पतबीयततमत्रातरंगतरकीबतरफतरहतरावटतराशतलबतलवारतलाशतशरीफतहतहजीबतहसीलतानताक-झाँकताकततादादताकीदतातीलतारीफतालीमतासीरतिजारततीजतुकतुलातोंदतोबातोपतोलतोशकत्योरीत्रिया।

थकानथकावटथरथरथलियाथापथाह।

दक्षिणदगादतवनदमकदरखास्तदरगाहदरारदलदलदस्तकदहाड़दारूदहशतदावतदिनचर्यादिव्यादीक्षादीठदीददीमकदीवारदुआदुकानदुविधादुत्कारदुमदूरबीनदुनियादुर्दशादूरदूबदेखभालदेखरेखदेनदेह।

धड़कधड़कनधरपकड़धमकधराधरोहरधाकधातुधायधारधारणाधुन्धधुनधूमधूप (सूर्य-प्रकाश), धूपछाँहधौंकधौंसध्वजा।

नकलनस (स्त्रायु), नकावनकेलनजरनहरनजाकतनजातनफरतनफासतनसीहतनब्जनमाजनाँदनाकनिगाहनिद्रानिराशानिशानिष्ठानींदनीयतनुमाइशनोकनोकझोंकनौबतनालिशनेत्री।

पंचायतपंगतपकड़पखावजपछाड़पतवारपटपटपतझड़पताकापत्तलपनाहपरखपसन्दपरवाहपरतपरातपरिक्रमापरिषदपरीक्षापलटनपहचानपहुँचपायलपिपासापिस्तौलपुलिसपुश्तपुड़ियापुकारपूछताछपूँछपेंसिलपेंशनपोशाकपैदावारपौधप्रकियाप्रतिज्ञाप्रतिभाप्रतीक्षाप्रभा।

फजीहतफटकारफटकनफतहफरियादफसलफिक्रफुरसतफुलियाफुहारफूंकफूटफीसफौज।

बन्दूकबकवासबयारबगलबचतबदबूबदौलतबधाईबनावटबरातबर्दाश्तबर्फबलाबहारबाँहबातचीतबाबतबरसातबुलाहटबूँदबूझबेर (दफा या बार), बैठकबोतलबोलचालबौखलाहटबौछार।

-भगदड़भड़कभनकभभकभरमारभभूतभाँगभापभार्याभिक्षाभीखभीड़भुजाभूखभेंटभेड़भैंसभौंह।

मंजिलमंशामचकमचानमजालमखमलमटकमणिमसनदममतामरम्मतमर्यादामलमलमशालमज्जामशीनमस्जिदमहकमसलमहफिलमहिमामाँगमातामात्रामायामापमालामिठासमिर्चमिलावटमीनारमुद्रामुरादमुलाकातमुसकानमुसीबतमुस्कराहटमुहब्बतमुहरमूँगमूँछमूर्खतामेखलामेहनतमैनामैलमौजमौतमृत्यु।

यमुनायाचनायादगारयातनायात्रायामायोजना।

रक्षारचनारातराहरेखारंगतरकमरंगरगड़रफ्ताररस्मराखरामायणरायराहतरियासतरिमझिमरीढ़रुकावटरूहरेणुरेत (बालू), रेलरोकरोकड़रोररौनकरोकटोक,रोटी।

लौंगलड़ाईलताललकारलातलहरलारलालटेनलंकालकीरलगनलगामलटकलताड़लचरलज्जालटलपकललकललकारलहरलातलाजलालमिर्चलाशलीकलोटपोटलू।

वकालतवायुविद्याविनयवसीयतविजयविदाईविधवाव्यथाविदुषी।

शंकाशक्करशराबशानशामशरणशर्तशतरंजशक्लशराफतशबनमशानशाखाशिखाशिकायतश्रद्धा। सरसोंसंस्कृतसंस्थासजावटसड़कसमझसभ्यतासमस्यासरकारससुरालसाँझसाँससिगरेटसीमासुधासुविधासुबहसूझसेनासैरसाजिशसनकसन्तान (औलाद), सम्पदासंसद।

-हजामतहड़तालहत्याहवाहलचलहायहाटहालतहिंसाहिचकहिम्मतहींगहरकतहड़पहदहकीकतहिफाजतहैसियतहिम्मत।

पुलिंग शब्दों की सूची और उनका वाक्य-प्रयोग :

शब्द     वाक्य                       शब्द     वाक्य

प्राण- उसके प्राण उड़ गये।                      घी- घी महँगा है।

अपराध- उनका अपराध क्षमा के योग्य है।            अकाल- राजस्थान में भीषण अकाल पड़ा है।

आईना- आईना टूट गया।                       आयोजन-पूजा का आयोजन हो रहा है।

अम्बार- किताबों का अम्बार लगा हुआ है।           आँसू- उनके आँसू निकल पड़े।

इत्र- यह गुलाब का इत्र है।                   ईंधन- ईंधन जल गया।

कंबल- कंबल मोटा है।                          कफन- कफन छोटा है।

कवच- यह लोहे का कवच है।                    कीचड़- कीचड़ सुख गया है।

कुआँ- कुआँ गहरा है।                        कुहासा- कुहासा छाया है।

गिरगिट-गिरगिट रंग बदलता है।                   गुनाह- उनका गुनाह क्या है ?

खलिहान-यह राम का खलिहान है।                 घाव- घाव पक गया है।

चाबुक- उसका चाबुक गिर पड़ा।                  चुनाव- चुनाव  गया।

छप्पर- वह फूस का छप्पर है।                   जहाज- जहाज डूब गया।

जख्म- जख्म हरा हो गया।                     जुलूस- जुलूस लंबा है।

जेल- यह पटना का जेल है।                   जौ- जौ खाने में अच्छा नहीं लगता।

टिकट- यह रेल का टिकट है।                   तकिया- यह छोटू का तकिया है।

तीर- हाथ से तीर छूट गया।                  तौलिया- यह डी० सी० एम० का तौलिया है।

दंगा- दंगा अच्छा नहीं होता है।                 दाग- पान का दाग नहीं छूटता।

नकद- आपके पास नकद कितना है ?                           नीड़- मेरा नीड़ उजड़ गया।

नीलाम- जमीन को नीलाम होना है।                पतंग- पतंग उड़ रहा है।

पहिया- पहिया टूट गया।                      फर्ज- मेरे प्रति उनका क्या फर्ज है ?

बोझ- बोझ हल्का है।                          भोर- भोर हो गया।

मोती- मोती चमक रहा है।                     मोम- मोम पिघल रहा है।

रूमाल- रूमाल फट गया।                       शोक- उन्हें नाचने का शोक है।

सींग- गाय को दो सींग होता है।                 हार- यह हार महँगा है।

होश- उनके होश उड़ गये।                     पानी- पानी गंदा है।

दही- दही खट्टा है।                          बचपन- बचपन बड़ा सुंदर होता है।

घर- घर सुंदर बना है।                       पर्वत- पर्वत ऊँचा है।

उमंग- यह अच्छी उमंग है।                    क्रोध- क्रोध मनुष्य को अंधा बना देता है।

गीत- वह गीत अच्छा है।                     वृक्ष- वृक्ष सूख गया।

स्त्रीलिंग शब्दों की सूची और उनका वाक्य-प्रयोग :

शब्द        वाक्य                                   शब्द     वाक्य

आदत- मुझे पान खाने की आदत है।                    आय- मेरी आय थोड़ी है।

आँख- उनकी आँख बड़ी-बड़ी है।                       आग- आग लग गयी।

इच्छा- मेरी इच्छा घूमने की है।                         ईट- ईट पकी नहीं है।

ईष्र्या- दूसरे की संपत्ति से ईष्र्या नहीं करनी चाहिए।         उम्र- तुम्हारी उम्र लम्बी है।

ऊब- नीरस बातों से ऊब होती है।                     कब्र- कब्र खोदी गयी।

कमर- मेरी तो कमर टूट गयी।                        कसम- मुझे उनकी कसम है।

कलम- कलम टूट गयी।                               खटिया- उसने मेरी खटिया खड़ी कर दी।

खोज- खोये हुए बच्चे की खोज जारी है।                 खबर- उनकी मृत्यु की खबर गलत निकली।

गर्दन- मेरी गर्दन फँसी है।                            घूस- घूस बुरी चीज है।

घात- बिल्ली चूहे की घात में है।                      चमक- उनके चेहरे की चमक गायब हो गयी।

चिढ- राम की चिढ महँगी पड़ी।                       चाल- घोड़े की चाल अच्छी है।

चील- आकाश में चील उड़ रही है।                     छत- छत टूट गयी।

जाँच- जाँच हो रही है।                               जीभ- जीभ कट गयी।

जूँ- मेरे बाल में जूँ रेंगती है।                        झंझट- झंझट किसी से नहीं करनी चाहिए।

टाँग- मेरी टाँग टूट गयी।                           ठेस- ठेस लग गयी।

किताबकिताब पुरानी है।                             तबीयत- उसकी तबीयत ठीक नहीं है।

थकावटबिस्तर पर जाते ही थकावट दूर हो गयी।            दीवार- दीवार गिर गयी।

देह- उनकी देह मोटी है।                           धूप- धूप निकल आयी है।

नकल- मेरी नकल मत करो।                         नहर- नहर गाँव से होकर जाती है।

नब्ज- मैं उसकी नब्ज पहचानता हूँ।                    प्रतिज्ञा- मेरी प्रतिज्ञा अटल है।

फटकारउसने फटकार लगायी।                         बंदूक- यह किसकी बंदूक है ?

बर्फ- बर्फ गिर रही है।                              बालू- बालू पीली है।

बूँद- पानी की बूँदे गिरी है।                          भीख- भीख देनी चाहिए।

भीड़- वहाँ भीड़ लगी थी।                            भूख- मुझे भूख लगी है।

मूँछ- उनकी मूँछे नुकीली हैं।                        यात्रा- यात्रा अच्छी रही।

लाश- लाश सड़ गयी।                              लीक- यह लीक कैसी है।

लू- लू चल रही है।                                शराब- शराब महँगी है।

विजय- उसकी विजय हुई।                            सजा- उसको सजा हो गयी है।

सड़क- सड़क चौड़ी है।                              साँझ- साँझ घिर आयी है।

स्त्रीलिंग /पुलिंग शब्दों की सूची और उनका वाक्य-प्रयोग :

शब्द      वाक्य                              शब्द      वाक्य

प्राण (पु०)-    प्राण उड़ गए।                                     मोती (पु०)-   मोती चमकता है।

घी (पु०)-       घी उजला है।                                        छत (स्त्री०)- छत गिर गई।

मूँछ (स्त्री०)- पिताजी की मूँछ पक रही है।                               दाल (स्त्री०)- दाल अच्छी बनी है।

खेत (पु०)-     मेरा खेत हरा-भरा है।                                पीठ (स्त्री०)- मेरी पीठ में दर्द है।

चादर (स्त्री)- चादर फट गई है।                                   होश (पु०)-     उसके होश उड़ गए।

धूप (स्त्री /पु०)- धूप कड़ी है।/यज्ञ में धूप जल रहा है।                     पहिया (पु०)- बैलगाड़ी में दो पहिये होते है।

बुढ़ापा (पु०)- देखते-देखते बुढ़ापा  गया।                          दीमक (स्त्री०)- किताबों में दीमक लग गई है।

दर्शन (पु०)-   आपके दर्शन हुएअहोभाग्य।                          जूँ (स्त्री०)-    मूर्ख के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगती।

खीर (स्त्री०)- खीर अच्छी बनी है।                                 आग (स्त्री०)- आग धधक उठी है।

अफवाह (स्त्री०)- अफवाह फैल गई कि उसकी हत्या कर दी गई है।            कीचड़ (पु०)- गली में कीचड़ फैल गया है।

अफीम (स्त्री०)- अफीम जहरीली होती है।                             अनबन (स्त्री०)- दोनों भाइयों में अनबन चल रही है।

आँख (स्त्री०)- मेरी आँख में दर्द हो रहा है।                           मोती (पु०)  - मोती चमकीला होता है।

अरहर (स्त्री०)- जनवरी में अरहर फूलने लगती है।                         घूँट (पु०)-       मैं खून का घूँट पीकर रह गया।

चोंच (स्त्री०)- इस पंक्षी की चोंच लंबी है।                              भीड़ (स्त्री०)- भीड़ एकत्र हो गई।

नाक (स्त्री०)- भरी सभा में सौदागर की नाक कट गई।                   बाढ़ (स्त्री०)- पिछले साल भीषण बाढ़ आई थी।

हार (स्त्री० /पु०)- रावण की हार हो गई /रानी का हार खो गया।                प्यास (स्त्री०)- कौवे को प्यास लगी थी।

लगाम (स्त्री०)- घोड़े की लगाम हाथ में थी।                              नींद (स्त्री०)- खाने के बाद मुझे नींद लगने लगी।

आयु (स्त्री०)- भगवान करेआपकी आयु लंबी हो।                     शपथ (स्त्री०)- मैंने शपथ खाई कि उसे हराकर ही रहूँगा।

ऋतु (स्त्री०)- वर्षा ऋतु  गई।                                    लालच (पु०)- ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए।

सरसों (स्त्री०)- फागुन चढ़ते ही सरसों कटने लगती है।                  चरित्र (पु०)-  चरित्र चला जाता हैतो सब कुछ चला जाता है।

खोज (स्त्री०)- हनुमान ने सीता की खोज की।                         आदत (स्त्री०)- उसे तम्बाकू खाने की आदत पड़ गई है।

खटिया (स्त्री०)- मेरी खटिया पुरानी हो गई है।                          नेत्र (पु०)-      मेरा नेत्र लाल है।

चाँदी (स्त्री०)- सोनार के यहाँ से चाँदी चोरी हो गई।                                                            कचनार(स्त्री)-               ग्रीष्म ऋतु में भीषण ताप में भी कचनार हरी-भरी रहती है।

साँस (स्त्री०)- साँप को देखकर मेरी साँस फूल गई।                            ओस (स्त्री०)- जाड़े में ओस पड़ती है।

भूख (स्त्री०)- मुझे जोरों से भूख लगी है।                              उल्लास (पु०)- हारने से सारा उल्लास ही समाप्त हो गया।

चश्मा (पु०)-  चश्मा हमारी आँखों की रक्षा करता है।                       सरकार (स्त्री०)-              केंद्र की सरकार राजनीतिक दलों के सहयोग से बनी है।

पुलिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम और प्रत्यय

हिन्दी-स्त्रीप्रत्यय

(1) अकारान्त तथा आकारान्त पुलिंग शब्दों को ईकारान्त कर देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है। जैसे-

आकारान्त  शब्द 

लड़का-                लड़की            गूँगा-        गूँगी

देव-          देवी                     नर-          नारी 

गधा-       गधी                     नाला-      नाली 

मोटा-       मोटी                                     बन्दर-     बन्दरी

(2) 'या 'वाप्रत्ययान्त पुलिंग शब्दों में 'या 'वाकी जगह इया लगाने से वे स्त्रीलिंग बनते है। जैसे-

कुत्ता -   कुतिया        बूढा -  बुढ़िया       बाछा -  बछिया

(3) व्यवसायबोधकजातिबोधक तथा उपनामवाचक शब्दों के अन्तिम स्वर का लोप कर उनमें कहीं इन और कहीं आइन प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है जैसे-

माली-        मालिनी      धोबी-         धोबिनी

तेली-          तेलिनी      बाघ-           बाघिनी

बनिया-       बनियाइन

(4) कुछ उपनामवाची शब्द ऐसे भी हैजिनमे आनी प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है। जैसे-

ठाकुर-          ठाकुरानी     पण्डित-        पण्डितानी

चौधरी-         चौधरानी       देवर-            देवरानी 

जेठ-             जेठरानी       मेहतर-        मेहतरानी 

सेठ-           सेठरानी

(4) जाती या भाव बतानेवाली संज्ञाओं का पुलिंग से स्त्रीलिंग करने में यदि शब्द का अन्य स्वर दीर्घ हैतो उसे ह्स्व करते हुए नी प्रत्यय का भी प्रयोग होता है। जैसे-

स्यार-        स्यारन           हिन्दू-       हिन्दुनी 

ऊँट-          ऊँटनी         हाथी-         हथिनी

(5) कुछ शब्द स्वतन्त्ररूप से स्त्री-पुरुष के जोड़े होते है। ये स्वतन्त्ररूप से स्त्रीलिंग या पुलिंग शब्द होते है। जैसे-

माँ-             बाप                 मर्द-            औरत 

पुत्र-            कन्या                 राजा-          रानी 

भाई-           बहन                 पुरुष-         स्त्री 

गाय-          बैल                        वर-            दामाद 

साहब -       मेम                 माता-         पिता 

बेटा-          पुतोहू

संस्कृत स्त्रीप्रत्यय

(6) संस्कृत के 'वान्और 'मान्प्रत्ययान्त विशेषण शब्दों में 'वान्तथा 'मान्को क्रमशः वती और मती कर देने से स्त्रीलिंग बन जाता है। जैसे-

बुद्धिमान्-      बुद्धिमती     पुत्रवान्-        पुत्रवती 

श्रीमान्-         श्रीमती       भाग्यवान्-     भाग्यवती 

आयुष्मान्-    आयुष्मती  भगवान्-        भगवती 

धनवान्-         धनवती

(7) संस्कृत के बहुत-से अकारान्त विशेषण शब्दों के अन्त में  लगा देने से स्त्रीलिंग हो जाते है। जैसे-

तनुज-            तनुजा       चंचल-           चंचलता 

आत्मज-        आत्मजा   सुत-               सुता 

प्रिय-              प्रिया           पूज्य-             पूज्या 

श्याम-            श्यामा

(8) जिन पुलिंग शब्दों के अन्त में 'अकहोता हैउनमें 'अकके स्थान पर इका कर देने से वे शब्द स्त्रीलिंग बन जाते है। जैसे-

सेवक-           सेविका      पालक-          पालिका 

बालक-          बालिका      भक्षक-          भक्षिकानायक

पाठक-          पाठिका

(9) संस्कृत की अकारान्त संज्ञाएँ पुलिंग रूप में आकारान्त कर देने और स्त्रीलिंग रूप में ईकारान्त कर देने से पुलिंग-स्त्रीलिंग होती है। जैसे-

शब्द    पुंलिंग शब्द स्त्रीलिंग शब्द

धातृ      धाता        धात्री

दातृ     दाता       दात्री

नेतृ     नेता         नेत्री

 





हिन्दी व्याकरण 

•   भाषा   •   लिपि   •   व्याकरण   •   वर्ण,वर्णमाला   •   शब्द   •   वाक्य   •   संज्ञा   •   सर्वनाम   •   क्रिया   •   काल   •   विशेषण   •   अव्यय   •   लिंग   •   उपसर्ग   •   प्रत्यय   •   तत्सम तद्भव शब्द   •    संधि 1   •  संधि 2   •   कारक   •   मुहावरे 1   •   मुहावरे 2   •   लोकोक्ति   •   समास 1   •   समास 2   •   वचन   •   अलंकार   •   विलोम   •   अनेकार्थी शब्द   •  अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 1   •   अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 2   •   पत्रलेखन   •   विराम चिह्न   •   युग्म शब्द   •   अनुच्छेद लेखन   •   कहानी लेखन   •   संवाद लेखन   •   तार लेखन   •   प्रतिवेदन लेखन   •   पल्लवन   •   संक्षेपण   •   छन्द   •   रस   •   शब्दार्थ   •   धातु   •   पदबंध   •   उपवाक्य   •   शब्दों की अशुद्धियाँ   •   समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द   •   वाच्य   •   सारांश   •   भावार्थ   •   व्याख्या   •   टिप्पण   •   कार्यालयीय आलेखन   •   पर्यायवाची शब्द   •   श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द   •   वाक्य शुद्धि   •   पाठ बोधन   •   शब्द शक्ति   •   हिन्दी संख्याएँ   •   पारिभाषिक शब्दावली   •



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