अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके। समास, तद्धित और कृदन्त वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते है। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए।
दूसरी बात यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी है, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते है। भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते है। जैसे- राम कविता लिखता है, अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द 'कवि' का प्रयोग कर सकते है।
दूसरा उदाहरण- 'जिस स्त्री का पति मर चुका हो' शब्द-समूह के स्थान पर 'विधवा' शब्द अच्छा लगेगा।
इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे है:-
( अ )
अनुचित बात के लिए आग्रह- (दुराग्रह) अण्डे से जन्म लेने वाला- (अण्डज)
आकाश को चूमनेवाला- (आकाशचुंबी) अपने देश से दुसरे देश में समान जाना- (निर्यात)
अपनी हत्या स्वयं करना- (आत्महत्या) अपनी ही इच्छानुसार पति का वरण करने वाली— स्वयंवरा
अनुसंधान के लिए दिया जाने वाला अनुदान— शोधवृत्ति अवसर के अनुसार बदल जाने वाला- (अवसरवादी)
अच्छे चरित्र वाला- (सच्चरित्र) आज्ञा का पालन करने वाला- (आज्ञाकारी)
अपने देश से दुसरे देश में समान जाना- (निर्यात) अपनी हत्या स्वयं करना- (आत्महत्या)
अत्यंत सुन्दर स्त्री- (रूपसी) आकाश को चूमने वाला- (गगनचुंबी)
आकाश में उड़ने वाला- (नभचर) आलोचना करने वाला- (आलोचक)
आशा से अधिक- (आशातीत) आगे होनेवाला- (भावी)
अपना हित–अहित सोचने मेँ समर्थ— विवेकी अपनी जगह से अलग किया हुआ— विस्थापित
आगे आने वाला— आगामी आगे का विचार न कर सकने वाला— अदूरदर्शी
अत्यधिक बढ़ा–चढ़ा कर कही गई बात— अतिशयोक्ति आँखों के सामने- (प्रत्यक्ष)
आँखों से परे- (परोक्ष) आदेश जो निश्चित अवधि तक लागू हो— अध्यादेश
अपने परिवार के साथ- (सपरिवार) आशा से अतीत (अधिक)- (आशातीत)
आकाश या गगन चुमनेवाला- (आकाशचुम्बी, गगनचुम्बी) आलोचना करनेवाला- (आलोचक)
आलोचना के योग्य- (आलोच्य) आया हुआ- (आगत)
अवश्य होनेवाला- (अवश्यम्भावी) अत्यधिक वृष्टि- (अतिवृष्टि)
अपने बल पर निर्भर रहने वाला- (स्वावलम्बी) अचानक हो जाने वाला- (आकस्मिक)
आदि से अन्त तक- (आद्योपान्त) आगे का विचार करने वाला- (अग्रसोची)
आढ़त का व्यापर करने वाला- (आढ़तिया) आवश्यकता से अधिक वर्षा- (अतिवृष्टि)
आवश्यकता से अधिक धन का संचय न करना— अपरिग्रह अधिकार या कब्जे में आया हुआ- (अधिकृत)
अन्य से सम्बन्ध न रखने वाला- (अनन्य) अभिनय करने वाला पुरुष- (अभिनेता)
अभिनय करने वाली स्त्री- (अभिनेत्री) अच्छा-बुरा समझने की शक्ति का अभाव- (अविवेक)
अपने हिस्से या अंश के रूप में कुछ देना- (अंशदान) अनुकरण करने योग्य- (अनुकरणीय)
आत्मा व परमात्मा का द्वैत (अलग-अलग होना) न माननेवाला- (अद्वैतवादी) अल्प (कम) वेतन भोगनेवाला (पानेवाला)- (अल्पवेतनभोगी)
अध्ययन (पढ़ना) का काम करनेवाला- (अध्येता) अध्यापन (पढ़ाने) का काम करनेवाला- (अध्यापक)
आग से झुलसा हुआ- (अनलदग्ध) अपने प्राण आप लेने वाला- (आत्मघाती)
अर्थ या धन से सम्बन्ध रखने वाला- (आर्थिक) आदि से अन्त तक- (आद्योपान्त)
आशा से अतीत (परे)- (आशातीत) आयोजन करने वाला व्यक्ति- (आयोजक)
आशुलिपि (शार्ट हैण्ड) जाननेवाला लिपिक- (आशुलिपिक) अपनी इच्छा के अनुसार काम करनेवाला- (इच्छाचारी)
आड़ या परदे के लिये रथ या पालकी को ढकनेवाला कपड़ा- (ओहार) अपनी विवाहित पत्नी से उत्पत्र (पुत्र)- (औरस (पुत्र)
अपने कर्तव्य का निर्णय न कर सकने वाला- (किंकर्तव्यविमूढ़) अधिक दिनों तक जीने वाला- (चिरंजीवी)
अन्न को पचाने वाली जठर (पेट) की अग्नि- (जठराग्नि) अपनी झक (धुन) में मस्त रहने वाला- (झक्की)
आँवला, हर्र व बहेड़ा- (त्रिफला) अनुचित या बुरा आचरण करने वाला- (दुराचारी)
अपराध और उन पर दण्ड देने के नियम निर्धारित करने वाला प्रश्न - (दण्डसंहिता) अभी-अभी जन्म लेने वाला- (नवजात)
आधे से अधिक लोगों की सम्मिलित एक राय- (बहुमत) अपना हित चाहने वाला- (स्वार्थी)
अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला- (स्वयंसेवक) अपने देश से प्यार करने वाला- (देशभक्त)
अपने देश के साथ विश्वासघात करने वाला- (देशद्रोही) अनुचित बात के लिये आग्रह- (दुराग्रह)
आँख की बीमारी- (दृष्टिदोष) अपने पति के प्रति अनन्य अनुराग रखने वाली- (पतिव्रता)
अपने पद से हटाया हुआ- (पदच्युत) अपने को पंडित माननेवाला- (पंडितम्मन्य)
आटा पीसने वाली स्त्री-(पिसनहारी) आँखों के समक्ष- (प्रत्यक्ष)
आकार से युक्त (मूर्तिमान)— साकार आय से अधिक व्यर्थ खर्च करने वाला- (फिजूलखर्ची)
आय-व्यय, लेन-देन का लेखा करने वाला- (लेखाकार) अपने परिवार के साथ है जो- (सपरिवार)
अपने ही बल पर निर्भर रहने वाला- (स्वावलम्बी) अविवाहित लड़की- (कुमारी)
अविवाहित महिला— अनूढ़ा अगहन और पूस में पड़ने वाली ऋतु- (हेमन्त)
अधिक बोलने वाला— वाचाल
( ऊ )
ऊपर कहा हुआ- (उपर्युक्त) ऊपर आने वाला श्वास- (उच्छवास)
ऊपर की ओर जानेवाला-(ऊध्र्वगामी) ऊपर की ओर बढ़ती हुई साँस- (उध्र्वश्वास)
उपचार या ऊपरी दिखावे के रूप में होने वाला- (औपचारिक) उच्च न्यायालय का न्यायाधीश- (न्यायमूर्ति)
उपकार के प्रति किया गया उपकार- (प्रत्युपकार) ऊपर कहा हुआ- (उपर्युक्त)
ऊपर लिखा गया- (उपरिलिखित) उसी समय का- (तत्कालीन)
( इ, ई )
ईश्वर में आस्था रखने वाला- (आस्तिक) ईश्वर पर विश्वास न रखने वाला- (नास्तिक)
इतिहास का ज्ञाता- (अतिहासज्ञ) इन्द्रियों को जीतनेवाला- (जितेन्द्रिय)
इन्द्रियों की पहुँच से बाहर- (अतीन्द्रिय) इतिहास से सम्बन्ध रखने वाला- (ऐतिहासिक)
ईश्वर में विश्वास रखने वाला- (आस्तिक) इन्द्रियों को वश में करने वाला- (इन्द्रियजित)
इंद्रियों पर किया जानेवाला वश- (इंद्रियाविग्रह) इतिहास को जानने वाला- (इतिहासज्ञ)
इस लोक से सम्बन्धित- (ऐहिक) इन्द्रजाल करने वाला- (ऐन्द्रजालिक)
इंद्रियों से संबंधित- (ऐंद्रिक) इस लोक से संबंध रखनेवाला- (ऐहलौकिक)
इतिहास से संबंधित- (ऐतिहासिक)
( ऐ )
एक ही समय में वर्तमान- (समसामयिक) एक स्थान से दूसरे स्थान को हटाया हुआ- (स्थानान्तरित)
एक भाषा की लिखी हुई बात को दूसरी भाषा में लिखना या कहना- (अनुवाद) ऐसा व्रत, जो मरने पर ही समाप्त हो-(आमरणव्रत)
ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य या चन्द्र का पूरा बिम्ब ढँक जाय- (खग्रास) ऐसा जो अंदर से खाली हो- (खोखला)
ऐसा तर्क जो देखने पर ठीक प्रतीत होता हो, किन्तु वैसा न हो- (तर्काभास) एक व्यक्ति द्वारा चलायी जाने वाली शासन प्रणाली- (तानाशाही)
एक राजनीतिक दल को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने वाला- (दलबदलू) एक देश से माल दूसरे देश में जाने की क्रिया- (निर्यात)
ऐतिहासिक युग के पूर्व का- (प्रागैतिहासिक) एक महीने में होने वाला- (मासिक)
एक ही जाति का- (सजातीय) एक ही समय में उत्पन्न होने वाला- (समकालीन)
एक ही समय में वर्तमान- (समसामयिक) एक सप्ताह में होने वाला- (साप्ताहिक)
( क )
किसी पद का उम्मीदवार- (प्रत्याशी) कीर्तिमान पुरुष- (यशस्वी
कम खर्च करने वाला- (मितव्ययी) कम जानने वाला- (अल्पज्ञ)
कम बोलनेवाला- (मितभाषी) कठिनाई से समझने योग्य- (दुर्बोध)
कल्पना से परे हो- (कल्पनातीत) किसी की हँसी उड़ाना- (उपहास)
कुछ दिनों तक बने रहने वाला- (टिकाऊ) किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना- (अतिशयोक्ति)
कठिनता से प्राप्त होने वाला- (दुर्लभ) किसी पद का उम्मीदवार- (प्रत्याशी)
किसी विषय को विशेषरूप से जाननेवाला- (विशेषज्ञ) किसी काम में दूसरे से बढ़ने की इच्छा या उद्योग- (स्पर्द्धा)
क्रम के अनुसार- (यथाक्रम) कार्य करने वाला - (कार्यकर्त्ता)
करने योग्य- (करणीय, कर्तव्य) किसी कथा के अंतर्गत आने वाली दूसरी कथा- (अन्तःकथा)
कर या शुल्क का वह अंश जो किसी कारणवश अधिक से अधिक लिया जाता है- (अधिभार) किसी पक्ष का समर्थन करने वाला- (अधिवक्ता)
किसी कार्यालय या विभाग का वह अधिकारी जो अपने अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों की निगरानी रखे- (अधीक्षक) किसी सभा, संस्था का प्रधान- (अध्यक्ष)
किसी कार्य के लिए दी जाने वाली सहायता- (अनुदान) किसी मत या प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया- (अनुमोदन)
किसी व्यक्ति या सिद्धान्त का समर्थन करने वाला- (अनुयायी) किसी कार्य को बार-बार करना- (अभ्यास)
किसी वस्तु का भीतरी भाग- (अभ्यन्तर) किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा- (अभीप्सा)
किसी प्राणी को न मारना- (अहिंसा) किसी बात पर बार-बार जोर देना- (आग्रह)
किसी पात्र आदि के अन्दर का स्थान, जिसमें कोई चीज आ सके-(आयतन) किसी अवधि से संबंध रखने वाला- (आवधिक)
किसी देश के वे निवासी जो पहले से वहाँ रहते रहे हैं- (आदिवासी) किसी चीज या बात की इच्छा रखनेवाला- (इच्छुक)
किन्हीं घटनाओं का कालक्रम से किया गया वृत- (इतिवृत) किसी नई चीज का बनाना- (ईजाद, अविष्कार)
किसी के बाद उसकी संपत्ति प्राप्त करने वाला- (उत्तराधिकारी) किसी एक पक्ष से संबंधित- (एकपक्षीय)
कष्टों या काँटों से भरा हुआ- (कंटकाकीर्ण) किसी के उपकार को न मानने वाला- (कृतघ्न)
किसी की कृपा से पूरी तरह संतुष्ट- (कृतार्थ) कारागार से संबंध रखने वाला- (कारागारिक)
कार्य करने वाला व्यक्ति- (कार्यकर्ता) किन्हीं निश्चित कार्यों के लिए बनायी गयी समिति- (कार्यसमिति)
क्रम के अनुसार- (क्रमानुसार) किसी विचार/निर्णय को कार्यरूप देना- (कार्यान्वयन)
कुंती का पुत्र- (कौंतेय) किसी के घर की होनेवाली तलाशी- (खानातलाशी)
किसी के इर्द-गिर्द घेरा डालने की क्रिया- (घेराबन्दी) करुण स्वर में चिल्लाना- (चीत्कार)
किसी को सावधान करने के लिए कही जाने वाली बात- (चेतावनी) किसी वस्तु का चौथा भाग- (चतुर्थाश)
किसी काम या व्यक्ति में छिद्र या दोष निकालने का कार्य- (छिद्रान्वेषण) कर्मचारियों आदि को छाँटकर निकालने की क्रिया- (छँटनी)
किसी भी बात को जानने की इच्छा- (जिज्ञासा) कुछ जानने या ज्ञान प्राप्त करने की चाह- (जिज्ञासा)
किसी के सम्पूर्ण जीवन के कार्यों का विवरण- (जीवनचरित) काँटेदार झाड़ियों का समूह- (झाड़झंखाड़)
किसी ग्रंथ या रचना की टीका करनेवाला- (टीकाकार) किराए पर चलनेवाली मोटर गाड़ी- (टैक्सी)
किसी पद अथवा सेवा से मुक्ति का पत्र- (त्यागपत्र) किसी भी पक्ष का समर्थन न करने वाला- (तटस्थ)
कोई काम या पद छोड़ देने के लिये लिखा गया पत्र- (त्यागपत्र) कुछ निश्चित लम्बाई का कपड़ा- (थान)
किसी के पास रखी हुई दूसरे की वस्तु- (थाती/धरोहर/अमानत) कपड़ा साइन का व्यवसाय करने वाला- (दर्जी)
किसी के साथ सम्बन्ध न रखने वाला- (निःसंग) कही हुई बात को बार-बार कहना- (पिष्टपेषण)
किसी आरोप के उत्तर में किया जाने वाला आरोप- (प्रत्यारोप) किसी टूटी-फूटी वस्तु का पुनर्निर्माण- (पुनर्निर्माण)
किसी देवता पर चढ़ाने के लिए मारा जाने वाला पशु- (बलि) (किसी पद पर) जो पहले रहा हो- (भूतपूर्व)
किसी बात का गूढ़ रहस्य जानने वाला- (मर्मज्ञ) किसी मत को मानने वाला- (मतानुयायी)
कम खर्च करने वाला- (मितव्ययी) क्रम के अनुसार- (यथाक्रम)
किसी विषय को विशेष रूप से जाननेवाला- (विशेषज्ञ) किसी काम में दूसरों से बढ़ने की इच्छा- (स्पर्द्धा)
कुछ खास शर्तों द्वारा कोई कार्य कराने का समझौता- (संविदा)
( ख )
खाने से बचा हुआ जूठा भोजन- (उच्छिष्ट) खाने योग्य पदार्थ- (खाद्य)
खाने की इच्छा- (बुभुक्षा) खून से रँगा हुआ- (रक्तरंजित)
खेलना का मैदान- (क्रीड़ास्थल)
( ग )
गिरा हुआ- (पतित) गृह (घर) बसाकर स्थित (रहनेवाला)- (गृहस्थ)
ग्राम का रहनेवाला- (ग्रामीण) गोद लिया हुआ पुत्र- (दत्तक (पुत्र) )
गोपों को घेरा बाँधकर नाचने की क्रिया- (रास) गुरु के समीप रहनेवाला विद्यार्थी- (अन्तेवासी)
गुण-दोषों का विवेचन करने वाला- (आलोचक) गणित शास्त्र के जानकार- (गणितज्ञ)
गंगा का पुत्र- (गांगेय) गृह (घर) बसा कर रहने वाला- (गृहस्थ)
गगन (आकाश) चूमने वाला- (गगनचुम्बी)
( घ )
घास छीलने वाला- (घसियारा) घूस लेने वाला/रिश्वत लेने वाला- (घूसखोर/रिश्वतखोर)
घुलने योग्य पदार्थ- (घुलनशील) घृणा करने योग्य- (घृणास्पद)
घूम-फिरकर सौदा बेचने वाला- (फेरीवाला)
( च )
चार वेदों को जानने वाला- (चतुर्वेदी) चार राहों वाला- (चौराहा)
चेतन स्वरूप की माया- (चिद्विलास) चूहे फँसाने का पिंजड़ा- (चूहेदानी)
चौथे दिन आने वाला ज्वर- (चौथिया) चारों ओर की सीमा- (चौहदी)
चारों ओर जल से घिरा हुआ भू-भाग- (टापू) चोरी छिपे चुंगी शुल्क आदि दिये बिना माल लाकर बेचनेवाला- (तस्कर)
चौपायों के बाँधने का स्थान- (थान) चार मुखों वाला - (चतुरानन)
चिंता में डूबा हुआ- (चिंतित) चुनाव में अपना मत देने की क्रिया- (मतदान)
( छ )
छिपे वेश में रहना- (छद्मवेश) छात्रों के रहने का स्थान- (छात्रावास)
छः महीने के समय से सम्बन्धित- (छमाही) छत में टाँगने का शीशे का कमल या गिलास, जिसमें मोमबत्तियाँ जलती हों- (फानूस)
छोटे कद का आदमी- (बौना) छह कोने वाली आकृति- (षट्कोण)
छह-छह महीने पर होने वाला- (षाण्मासिक) छूत से फैलने वाला रोग- (संक्रामक)
छः मुँहों वाला- (षण्मुख/षडानन)
( ज )
जो कभी न मरे- (अमर) जो पढ़ा-लिखा न हो- (अपढ़, अनपढ़)
जो अक्षर (पढ़ना-लिखना) जानता है- (साक्षर) जो दूसरों पर अत्याचार करें- (अत्याचारी)
जो दिखाई न दे- (अदृश्य) जो कभी नष्ट न हो- (अनश्वर)
जो उच्च कुल में उत्पन्न हुआ हो- (कुलीन) जो क्षमा के योग्य हो- (क्षम्य)
जो कम बोलता हो- (मितभाषी) जो अधिक बोलता हो- (वाचाल)
जो सब जगह व्याप्त हो- (सर्वव्यापक) जो देखने योग्य हो- (दर्शनीय)
जो कुछ न करता हो-(अकर्मण्य) जो पुत्र गोद लिया हो- (दत्तक)
जो मान-सम्मान के योग्य हो- (माननीय) जो नष्ट न होने वाला हो- (अविनाशी)
जो किसी का पक्ष न ले- (तटस्थ) जो परिचित न हो- (अपरिचित)
जो स्थिर रहे- (स्थावर) जो वन में घूमता हो- (वनचर)
जो इस लोक से बाहर की बात हो- (अलौकिक) जो धन का दुरुपयोग करता है- (अपव्ययी)
जो कानून के विरुद्ध हो- (अवैध) जो कानून के अनुसार हो- (वैध)
जो पहले न पढ़ा हो- (अपठित) जो आँखों के सामने न हो- (अप्रत्यक्ष)
जो आँखों के सामने हो- (प्रत्यक्ष) जो दो भाषाएँ जानता हो- (दुभाषिया)
जो धर्म का काम करे- (धर्मात्मा) जो अभी - अभी पैदा हुआ हो- (नवजात)
जो कठिनाई से प्राप्त हो- (दुर्लभ) जो स्वयं पैदा हुआ हो- (स्वयंभू)
जो शरण में आया हो- (शरणागत) जो क्षमा करने के योग्य हो- (क्षम्य)
जो बहुत समय कर ठहरे- (चिरस्थायी) जो उच्च कुल में उत्पन्न हुआ हो- (कुलीन)
जो कभी नष्ट न हो- (अनश्वर) जो उदार न हो- (अनुदार)
जो चित्र बनाता हो- (चित्रकार) जो बूढ़ा न हो- (अजर)
जो नहीं हो सकता- (असंभव) जो हो सकता- (संभव)
जो आमिष (मांस) नहीं खाता- (निरामिष) जो पहरा देता है- (प्रहरी)
जो दूसरों पर अत्याचार करें- (अत्याचारी) जो किसी पक्ष में न हो- (तटस्थ)
जो कभी न मरे- (अमर) जो कहा न जा सके- (अकथनीय)
जो गिना न जा सके- (अगणित) जो थोड़ी देर पहले पैदा हुआ हो- (नवजात)
जो जन्म से अंधा हो- (जन्मांध) जो किये गये उपकारों को जानता या (मानता) है- ( कृतज्ञ)
जो किये गये उपकारों को नहीं मानता है- (कृतघ्न) जो टुकड़े-टुकड़े हो गया हो- (खंडित)
जो क्षमा के योग्य हो- (क्षम्य) जो सब जगह व्याप्त हो-(सर्वव्यापक)
जो परिचित न हो- (अपरिचित) जो सब कुछ जानता है- (सर्वज्ञ)
जो किसी की ओर से है- (प्रतिनिधि) जो बहुत जानता है- (बहुज्ञ)
जो स्त्री कविता लिखती है- (कवयित्री) जो पुरुष कविता रचता है- (कवि)
जो शत्रु की हत्या करता है- (शत्रुघ्न) जो मांस का आहार करता है- (मांसाहारी)
जो शाक का आहार करता है-(शाकाहारी) जो फल का आहार करता है- (फलाहारी)
जो विज्ञान जनता है- (वैज्ञानिक) जो व्याकरण जानता है- (वैयाकरण)
जो लोक में संभव न हो- (अलौकिक) जो स्वार्थ (अपनी ही भलाई) चाहता है- (स्वार्थी)
जो परमार्थ( दूसरों की भलाई) चाहता है-(परमार्थी) जो देखने में प्रिय लगता है- (प्रियदर्शी)
जो आसानी से लब्ध (प्राप्य) है- (सुलभ) जो पर (दूसरों) के अधीन है- (पराधीन)
जो मन को हर ले- (मनोहर) जो धर्म करता है- (धर्मात्मा)
जो साँप पकड़ता है- (सँपेरा) जो पीने योग्य हो- (पेय)
जो नाचता है- (नर्तक, नृत्यकार) जो अभिनय करता है- (अभिनेता)
जो कुछ नहीं जानता है- (अज्ञ) जो अग्र (आगे) की बात सोचता है- (अग्रशोची)
जो नया आया हुआ हो- (नवागन्तुक) जो भू के गर्भ (भीतर) का हाल जानता हो- (भूगर्भवेत्ता)
जो कहा न जा सके- (अकथनीय) जो भू को धारण करता है- (भूधर)
जो सर्वशक्तिसम्पत्र है- (सर्वशक्तिमान्) जो कर्त्तव्य से च्युत हो गया है- (कर्त्तव्यच्युत)
जो (बात) वर्णन के अतीत (बाहर) है- (वर्णनातीत) जो स्त्री सूर्य भी न देख सके- (असूर्यम्पाश्या)
जो अत्यन्त कष्ट से निवारित किया जा सके- (दुर्निवार) जो आग्रह सत्य हो- (सत्याग्रह)
जो मुकदमा दायर करता है- (वादी) जो अश्र्व (घोड़े) का आरोही (सवार) है- (अश्र्वारोही)
जो संगीत जानता है- (संगीतज्ञ) जो कला जानता है या कला की रचना करता है- (कलाकार)
जो सरों में जनमता है- (सरसिज) जो अच्छे कुल में उत्पत्र हुआ है- (कुलीन)
जो सबमें व्याप्त है- (सर्वव्यापी) जो किसी की ओर (प्रति) से है- (प्रतिनिधि)
जो मुकदमा लड़ता रहता है- (मुकदमेबाज) जो देने योग्य है- (देय)
जो देखा नहीं जा सकता- (अदृश्य) जो वचन से परे हो-(वचनातीत)
जो कहा गया है-(कथित) जो स्त्री के वशीभूत या उसके स्वभाव का है- (स्त्रैण)
जो बहुत बोलता है- (वाचाल) जो स्त्री अभिनय करे- (अभिनेत्री)
जो पुरुष अभिनय करे- (अभिनेता) जो दूसरे से ईर्ष्या करता है- (ईर्ष्यालु)
जो शत्रु की हत्या करता है- (शत्रुघ) जो पिता की हत्या कर चुका- (पितृहन्ता)
जो माता की हत्या कर चुका- (मातृहन्ता) जो अपनी हत्या करता है- (आत्मघाती)
जो पर के अधीन है- (पराधीन) जो देखने में प्रिय लगता है- (प्रियदर्शी)
जो नभ या ख (आकाश) में चलता है- (नभचर, खेचर) जो द्वार का पालन (रक्षा) करता है- (द्वारपाल)
जो शास्त्र जानता है- (शास्त्रज्ञ) जो कोई वस्तु वहन करता है- (वाहक)
जो पोत (जहाज) युद्ध का है- (युद्धपोत) जो चक्र धारण करता है- (चक्रधर)
जो नष्ट होनेवाला है- (नश्र्वर) जो सबको समान भाव से देखे- (समदर्शी)
जो भेदा या तोड़ा न जा सके- (अभेद्य) जो कठिनाई (दुर ) से भेदा या तोड़ा जा सके- (दुर्भेद्य)
जो मापा न जा सके- (अपरिमेय) जो प्रमेय (प्रमाण से सिद्ध) न हो- (अप्रमेय)
जो इच्छा के अधीन है- (इच्छाधीन) जो दूसरे के स्थान पर अस्थायी रूप से काम करे- (स्थानापत्र)
जो विधि या कानून के विरुद्ध है- (अवैध, गैरकानूनी) जो लोक में सम्भव न हो- (अलौकिक)
जो मन को हर ले- (मनोहर) जो अनुकरण करने योग्य हो- (अनुकरणीय)
जो दायर मुकदमे का प्रतिवाद (बचाव या काट) करे- (प्रतिवादी) जो राजगद्दी का अधिकारी हो- (युवराज)
जो धर्माचरण करता है- (धर्मात्मा) जो पुस्तकों की आलोचना या समीक्षा करता है- (आलोचक, समीक्षक)
जो व्याख्या करता है- (व्याख्याता) जो साँप पकड़ता और उसका खेल करता है- (सँपेरा)
जो मोक्ष चाहता हो- (मुमुक्षु) जो स्मरण रखने योग्य है- (स्मरणीय)
जो पांचाल देश की है - (पांचाली) जो किसी का पक्ष न ले- (निष्पक्ष)
जो यान (सवारी) जल में चलता है- (जलयान) जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ है- (लौहपुरुष)
जो खाया न जा सके- अखाद्य जो सबके आगे रहता हो- (अग्रणी)
जो नेत्रों से दिखाई न दे- (अगोचर) जो खाली न जाय- (अचूक)
जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके- (अच्युत) जो छूने योग्य न हो- (अछूत)
जो छुआ न गया हो- (अछूता) जो बूढा न हो- (अजर)
जो न जाना गया हो- (अज्ञात) जो अपनी बात से न टले- (अटल)
जो अपनी जगह से न डिगे- (अडिग) जो सबके मन की जनता हो- (अंतर्यामी)
जो बीत गया है- (अतीत) जो दबाया न जा सके- (अदम्य)
जो देखा न जा सके- (अदृश्य) जो देखने योग्य न हो-(अदर्शनीय)
जो पहले न देखा गया हो- (अदृष्टपूर्व) जो किसी विशेष समय तक ही लागू हो- (अध्यादेश)
जो परीक्षा में परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो- (अनुत्तीर्ण) जो मापा न जा सके- (अपरिमेय)
जो आँखों के सामने न हो- (अप्रत्यक्ष/परोक्ष) जो पूरा या भरा हुआ न हो- (अपूर्ण)
जो किसी की ओर मुँह किये हुए हो- (अभिमुख) जो कभी मृत्यु को प्राप्त न हो- (अमर)
जो काव्य, संगीत आदि का रस न ले- (अरसिक) जो इस लोक का न हो- (अलौकिक)
जो साधा (ठीक किया) न जा सके- (असाध्य) जो शोक करने योग्य नहीं है- (अशोच्य)
जो स्त्री (ऐसी पर्दानशीन है कि) सूर्य को भी न देख सके- (असूर्यम्पश्या) जो विधान या नियम के विरुद्ध हो- (असंवैधानिक)
जो पहले कभी न हुआ हो- (अभूतपूर्व) जो सदा से चलता आ रहा है- (अनवरत)
जो आगे की न सोचता हो- (अदूरदर्शी) जो समय पर न हो- (असामयिक)
जो दिया न जा सके- (अदेय) जो मानव के योग्य न हो- (अमानुषिक)
जो हिसाब-किताब की जाँच करता हो- (अंकेक्षक) जो पहले कभी घटित न हुआ हो- (अघटित)
जो पहले कभी नहीं सुना गया- (अश्रुतपूर्व) जो जन्म लेते ही गिर या मर गया हो- (आदण्डपात)
जो आलोचना के योग्य हो- (आलोच्य) जो इंद्रियों के ज्ञान के बाहर है- (इंद्रियातीत)
जो छाती के बल चलता हो- (उदग सर्प) जो धरती फोड़ कर जनमता है- (उदभिज)
जो उद्धार करता है- (उद्धारक) जो किसी नियम को न माने- (उच्छृंखल)
जो भूमि उपजाऊ हो- (उर्वरा) जो दिन में एक बार भोजन करता है- (एकाहारी)
जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो- (ऐच्छिक) जो कान को कटु लगे- (कर्णकटु)
जो कटु बोलता है- (कटुभाषी) जो कष्ट को सहन कर सके- (कष्टसहिष्णु)
जो काम से जी चुराता है- (कामचोर) जो कर्तव्य से च्युत हो गया है- (कर्तव्यच्युत)
जो पुरुष कविता रचता है- (कवि) जो स्त्री कविता रचती है- (कवियित्री)
जो कल्पना से परे हो- (कल्पनातीत) जो केन्द्र की ओर उन्मुख होता हो- (केन्द्राभिमुख)
जो सदैव हाथ में खड्ग लिए रहता हो- (खड़गहस्त) जो गाँव से सम्बन्धित हो- (ग्रामीण)
हिन्दी व्याकरण
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