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हिन्दी साहित्य में उपनाम या पंक्ति

 

हिन्दी साहित्य में उपनाम या पंक्ति


1 -  अपना मस्तक काटिकै बीर हुआ कबीर  ---  दादूदयाल
2 -  सन्त सिंगा की भाषा ---  निमाड़ी
3 -  हमेशा दुल्लहे की पोशाक में ---  रज्जब 
4 -  ज्ञानदीप ----  शेख़ नवी
5 -  सबसे बड़ा आदमी एकांकी ---  भगवतीचरण वर्मा
6 -  राजतुल हकायक ---  नूर मोहम्मद
7 -  अंत हाज़िर हो ---  मीरकान्त
8 -  छायावाद का ब्रह्मा--  प्रसाद
9 -  अस्टछाप के ज्येष्ठ कवि--  कुम्भनदास
10 -  छायावाद का विष्णु --  पन्त
11 -  अस्टछाप के कनिष्ठ कवि -- नन्ददास
12 -  छायावाद का महेश --  निराला
13 -  सूफ़ी महिला-- राबिया
14 -  चारुचंद्र लेख---  हज़ारी
15 -  औरत होने की सजा--  अरविन्द जैन
16 -  अनामिका--  निराला
17 -  मिल-जुल मन--   मृदुला गर्ग
18 -  मुहावरों की पाठय पुस्तक--  देवबाला
19 -  पत्रात्मक शैली का उपन्यास--  चंद हसीनों के खतूत
20 -  फ़ोटो नाटक--  चढ़त ना दूजो रंग
21 -  अनल कवि--  दिनकर
22 -  अवध का किसान--  त्रिलोचन
23 -  मुनि मार्ग के हिमायती--  शुक्ल
24 -  खड़ी बोली के समर्थकों को 'हठी व मुर्ख' कहा--  जग्गन्नाथ दास रत्नाकर
25 -  कठगुलाब---  मृदुला गर्ग
26 -  आओ पे पे घर चले---  प्रभा खेतान
27 -  स्त्री लेखन का प्रस्थान बिंदु--  मित्रो मरजानी
28 -  कुइयाजान--  नासिरा शर्मा
29 -  हसिनाबाद--  गीताश्री
30 -  क्षयी रोमांस का कवि--  बच्चन सिंह
31 -  बहुत हमने फैलाया धर्म
बढाया छूआछूत का कर्म ---  भारतेन्दु
32 "-  आठ मास बीते जजमान 
अब तो करो दक्षिणा दान--  प्रताप नारायण मिश्र
33 -  स्नेह निर्झर बह गया है,रेत सा तन गया है--  निराला
34 -  दिवस का अवसान समीप था
गगन था कुछ लोहित हो चला--  हरिऔध
35 -  रामचरित मानस का पंचम काँड---  सुंदर काँड
36  -  प्रथम रश्मि का आना रंगिणि!
तूने कैसे पहचाना--  सुमित्रानंदन पंत
37 -  मांसलवाद के प्रवर्तक--  रामेश्वर शुक्ल अंचल
38 -  रागदरबारी--  शिवपाल गंज
39 -  छंदों का अजायबघर--  रामचन्द्रिका
40 -  छपय्यो का राजा--  चंदरबरदाई
41 -  श्लेष का बादशाह--  सेनापति
42 -  हरिगीतिका का बादशाह--  मैथिलीशरण गुप्त
43 - अष्टछाप कवि-- ( कुम्भनदास , कृष्णदास , सूरदास , परमानन्द दास , गोविन्दस्वामी , छीतस्वामी , नँददास , चतुर्भुज दास )
44 -  कठिन काव्य का प्रेत--  केशव
45 -  अष्टछाप की स्थापना--  1565
46 -  द्वेताद्वेत---  निम्बार्कचार्य
47 -  अद्वेतवाद--  शंकराचार्य
48 -  सुर भक्ति--  साख्य भाव
49 -  मीरा भक्ति---  माधुर्य भाव
50 -  तुलसीदास भक्ति--  दास्य भाव
51 -  ठहरा हुआ पानी (नाटक)--  शांति मेहरोत्रा
52 -  मॉरीशस प्रेमचंद---  अभिमन्यु अनन्त
53 '-  आधुनिक मीरा--  महादेवी वर्मा
54 -  शुक्ल की त्रिवेणी--  सुर,जायसी,तुलसी
55 -  साक्षात रसमूर्ति--  घनानन्द
56 -  हिन्दू जाति का प्रतिनिधि कवि--  भूषण
57 -  निबंध सम्राट---  शुक्ल
58 -  उपन्यास सम्राट--  प्रेमचंद
59 -  जीवन उत्सव का कवि--  सूरदास
60 -  एक भारतीय आत्मा--  माखनलाल चतुर्वेदी
61 -  (2017) व्यास पुरस्कार--  ममता कालिया
62 -  दुःखम-सुखम--  ममता कालिया
63 -  (2017) ज्ञानदीठ पुरस्कार--  कृष्णा सोबती
64  -  (2017) साहित्य अकादमी पुरस्कार---  रमेश कुंतल मेघ
65 -  गेहूं और गुलाब--  बेनीपुरी
66 -  कुकुकुरमुता--  निराला
67 -  घनानन्द की प्रेमिका--  सुजान
68 -  आलम की प्रेमिका--  शेख़ रँगरेजीन
69 -  महाअंधेर नगरी--  विजयानन्द त्रिपाठी
70  -  नहुष--"  गोपालचंद्र गिरिधर दास"
71 -  मैला आँचल---  1954
72 -  पन्त का जन्म---  1900
73 -  शिवमंगल सिंह सुमन जन्म--  1915
74 -  सहज प्रकाश’---  सहजोबाई
75 -  उज्जवलनीलमणि’--- रूपगोस्वामी
76 -  ’सेठ बांकेमल--  अमृतलाल नागर
77 -  ’वारेन हेस्टिंग्स का सांड़’ कहानी --  उदय प्रकाश
78 -  छायावाद का पतन’ --  डा0 देवराज
79 -  अनुराग बॉंसुरी’ --  नूर मोहम्मद
80 - ’नैन नचाय कही मुसुकाय लला फिर आइयो खेलन होरी’ --  पद्माकर
81 -  ’कटरा बी आरजू’----  राही मासूम रजा
82 -  कनक कदलि पर सिंह समारल ता पर मेरु समाने’ पंक्तिकार---  विद्यापति
83 -  साहित्य जन-समूह के हृदय का विकास--  बालकृष्ण भट
84 -  सारा लोहा उन लोगों का अपनी केवल धार’ पंक्तिकार--  अरुण कमल
85 -  ’दुःखों के दागों को तमगों सा पहना’---  मुक्तिबोध
86 -  ’नया साहित्य नये प्रश्‍न ’--  नन्द दुलारे वाजपेयी
87 -  ’भाग्यवती’ के लेखक---   श्रद्धाराम फुल्लौरी
88 -  मुक्त छंद के प्रणेता  --   सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
89 -  ’अभिनव जयदेव’ विद्यापति
90 -  आवत जात पनहियॉं टूटीं बिसरि गयो हरि नाम--   कुम्भनदास
91 -  ’दिल्ली का दलाल’ ---  पाण्डेय बेचन शर्मा ’उग्र’
92 -  आधुनिक युग का सबसे युगान्तकारी कवि --  सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
93 -  मैथिली शरण गुप्त के बाद राष्ट्र कवि--- रामधारी सिंह दिनकर
94 -  (अणु भाष्य) अधूरे ग्रन्थ को पूरा किया-- विट्ठलनाथ
95 "-  बसंत का अग्रदूत" ---- निराला
96 -  निहार की भूमिका-- हरिऔध
97 -  अज्ञेय का साहित्यिक गुरू--- मैथिलीशरण गुप्त
98 -  गिरिजाकुमार के संग्रह मंजीर की भूमिका ----  निराला
99 "-  गउडबहो--- वकपतिराज
100 -  रसवादी आचार्य---  अभिनवगुप्त
101 -  सम्प्रेषण सिद्धान्त---  टी. एस. इलियट
102 -  द डिफेंस ऑफ पोइट्री--  पी. बी. शैली
103 -  उदात्त तत्व---  लोंजाइनस
104 -  अपभ्रंस का प्रिय छंद---  दोहा
105 -  सूफ़ियों का प्रिय अलंकार--  समसोक्ति
106 -  अवधी,बघेली,छत्तीसगढी---  पूर्वी हिंदी
107 -  भविस्यतकहा का सम्पादन--  डॉ. याकोबी
108 -  उक्ति व्यक्ति प्रकरण--  व्याकरणशास्त्र
109 -  प्राकृत पैंगलम--- छन्दशास्त्र
110 -  रागदरबारी---  शिवपाल गंज
111 -  गोदान---  बेलारी
112 -  झूठा-सच (प्रथम भाग)--  वतन ओर देश
113 -  झूठा-सच (दूसरा भाग)-- देश का भविष्य
114 -  विद्यापति पदावली का सम्पादन--- बेनीपुरी
115 -  मैला आँचल--- मेरीगंज
116 -  सबसे ज़्यादा प्रबध काव्य--  मैथलीशरण गुप्त
117 -  श्रान्त पथिक--- श्रीधर पाठक
118 -  अनाम तुम आते हो--- भवानी प्रसाद मिश्र
119 -  गोवध निवारण की भावना -- निसहाय हिन्दू
120 -  चीफ की दावत--- भीष्म साहनी
121 -  प्रेमचंद की अंतिम प्रसिद्ध कहानी--- कफ़न
122 -  मानसरोवर के भाग-- 8
123 -  प्रसाद की कुल कहानियां-- 69
124 -  छायावाद की समर्थक पत्रिका--- माधुरी
125 "-  वियोगी होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान" --- पन्त
126 -  भूतनाथ उपन्यास -- देवकीनंदन खत्री
127 -  चंद्रकांता सन्तति के भाग--- 24
128 -  न भूतो न भविष्यत--- नरेंद्रर कोहली
129 -  आम के पत्ते-- रामदरश मिश्र
130 -  बेरंग बेनाम चिठिया---  रामदरश मिश्र
131 -  दुष्चक्र में स्रसटा--- वीरेन डंगवाल
132 -  पत्थर फेंक रहा हूँ-- चन्द्रकान्त देवताले
133 -  हवा में हस्ताक्षर --- कैलाश वाजपेयी
134 -  "अंतिम अरण्य"---निर्मल वर्मा
135 -  अंगवधू के संकलनकर्ता -- रज्जब
136 '-  खटमल बाइसी'---   अली मुहिब खां प्रितम
137 -  इन्ना की आवाज नाटक  ---  असगर वजाहत
138 -  पढो फ़ारसी बेचो तेल  ---  नाग बोडस
139 -  कोर्ट मार्शल  ---  स्वदेश दीपक
140 -  काला पहाड़  ---   भगवान् दास मोरवाल 
141 -  काली आंधी  ---   कमलेश्वर
142 -  मछली मरी हुई उपन्यास का केन्द्रीय विषय  ---  स्त्री समलैंगिकता
143 -  बेकन विचारमाला ---   महावीर प्रसाद द्विवेदी
144 -  रसा उपनाम ---   भारतेंदु जी 
145 -  अब्र उपनाम -- -  प्रेमघन जी
146 -  त्रिशूल उपनाम ---  गया प्रसाद शुक्ल सनेही 
147 -  जकी ---  जगन्नाथ रत्नाकर
148 -  मुर्दों का टीला ---  रांगेय राघव
149 -  आधुनिक काल का तुलसी व सूर किसे कहा गया?
          तुलसी- मैथिलीशरण गुप्त 
          सूर- अयोध्या सिंह उपाध्याय "हरिऔध"
150 - 'वसंतविलास' में वसंत और स्त्रियों पर उसके विलासपूर्ण प्रभाव का चित्रण है ।











                                   

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